बम बम भोले की गूंज से गूंजी कैलाश घाटी, भंडारे का प्रसाद खाकर भक्त हुए निहाल
हिमाचल नाऊ न्यूज़ सरांहा
जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल में स्थित आराध्य देव भूरशिंग महादेव मंदिर कवागधार कथाड़ में रविवार को हजारों भक्तों ने शीश नवाया।
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एकादशी के शुभ अवसर पर, स्थानीय निवासी तेजपाल शर्मा (गुड्डू) ने भंडारे का आयोजन किया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन के बाद प्रसाद ग्रहण किया।
*वीकेंड पर भक्तों का तांता और महाभारत से जुड़ा इतिहास*
आम दिनों की अपेक्षा सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को भूरशिंग महादेव मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पिछले कुछ समय से, हर रविवार को कोई न कोई श्रद्धालु यहां भंडारे का आयोजन भी करता है।
मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने कुरुक्षेत्र में 18 दिनों तक चले महाभारत के युद्ध को इसी स्थान से देखा था। तभी से यहां शिवलिंग की स्वयंभू उत्पत्ति मानी जाती है, जो इस स्थान को और भी पवित्र बनाती है।
शिव प्रतिमा का आकर्षण और मनोरम दृश्य
गत वर्ष मंदिर कमेटी द्वारा यहां 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का निर्माण करवाया गया है, जिसके बाद से चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड सहित दूर-दूर से श्रद्धालुओं की भारी संख्या में आवाजाही बढ़ी है।
मंदिर परिसर से पंचकूला, चंडीगढ़, शिमला, सोलन, चायल और कसौली का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है, जो भक्तों को प्रकृति का अनुपम आनंद भी देता है।भूरशिंग महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मदन मोहन मंत्री ने बताया कि वीकेंड पर महादेव के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर कमेटी द्वारा यहां आने वाले भक्तों के लिए पीने के पानी, कैंटीन, पार्किंग और भंडारे की उचित व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह स्थान श्रद्धा और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है।
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