एम्स बिलासपुर में हाई फिडेलिटी फैमोलिशन लैब में प्रशिक्षण दिया जाएगा
Himachalnow/बिलासपुर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर देश का दूसरा स्वास्थ्य संस्थान बनेगा, जो रोबोटिक सर्जन तैयार करेगा। यहां 2026 से रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी। दिल्ली एम्स के बाद बिलासपुर एम्स इस उपलब्धि को हासिल करेगा। इसके लिए प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
एम्स बिलासपुर में हाई फिडेलिटी फैमोलिशन लैब में एमबीबीएस, एमडी और डीएम को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अधिकतर उपकरण भी एम्स पहुंच चुके हैं। इसके अलावा सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले ये एम्स दिल्ली जाते थे, लेकिन अब पंजाब व आसपास के राज्यों की फैकल्टी बिलासपुर एम्स आएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि रोबोट से सर्जरी होने पर मरीज की रिकवरी तेज होती है। इसमें मरीज को बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती। जरूरत के आधार पर छोटे छेद या दूसरे तरीकों से उपकरण शरीर में ले जाया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज जल्द काम पर लौट सकता है। सर्जन, गायनोकॉलोजिस्ट, यूरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, कार्डियोथोरेसिक, न्यूरो सर्जरी सहित कई विभागों के विशेषज्ञों को रोबोट की मदद से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी।