दि सिरमौर घुमंतू भेड़ बकरी पशुपालन समिति की नाहन में संपन्न हुई आपात बैठक सरकार से करी यह मांग
HNN/ नाहन
15 फरवरी बुधवार को नाहन के हिंदू आश्रम में दि सिरमौर घुमंतू भेड़ बकरी पशुपालन समिति की आपात बैठक संपन्न हुई। समिति के उपाध्यक्ष प्रकाश चंद नेगी की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में दर्जनों भेड़ बकरी पालकों ने हिस्सा लिया। आयोजित हुई इस आपातकालीन बैठक में पिछले कुछ वर्षों से घुमंतू भेड़ बकरी पालकों के डेरों से चोरों के द्वारा उनके पशुधन की चोरी को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एजेंडा तैयार किया गया। समिति ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके पशुधन की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाए।
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उपाध्यक्ष प्रकाश चंद नेगी ने बताया कि किन्नौर से लेकर सिरमौर तक उनकी भेड़ बकरियां सुरक्षित नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश के मंडी जिला के एक ही गांव के चोर गिरोह बनाकर उनकी भेड़ बकरियों को चुरा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह गिरोह इतना शातिर है कि जिस वाहन से यह घटना को अंजाम देते हैं उस पर फर्जी स्कूटर अथवा बाइक आदि का नंबर लगाकर भेड़ बकरियां चोरी करते हैं। बुरवा किन्नौर के चरवाहे ने बताया कि हाल ही में सराहां के पास चोरों ने उनकी 19 बेड बकरियों को चुरा लिया था।
उन्होंने सिरमौर पुलिस की प्रशंसा करते हुए भी कहा कि इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा कर चोर तो पकड़ लिए मगर उनका माल बरामद नहीं हो सका। भेड़ पालक जय लाल ने बताया कि सिरमौर के कंगनी वाला में चोरों ने दो बार चोरी की वारदातों को अंजाम देते हुए उनकी 42 भेड़ बकरियों को चुराया है। उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले ना तो चोर पकड़े गए हैं और ना ही उनका माल बरामद करवाया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने ना केवल पुलिस में बल्कि मुख्यमंत्री को भी भेजी थी।
किन्नौर भावा नगर के भेड़ पालक चरवाहा जगमोहन नेगी ने बताया कि किन्नौर के वांगतु में उनकी भेड़ बकरियों को चोरी करते हुए उन्होंने चोर को पकड़ना चाहा मगर वह अपनी गाड़ी के साथ भेड़ बकरी ले भाग गया। जगमोहन ने बताया कि उन्होंने स्थानीय थाना में गाड़ी का नंबर और चोरी की घटना के बारे में जानकारी दी। मगर जब पुलिस ने नंबर के आधार पर जांच की तो वह नंबर पिकअप का ना हो कर टू व्हीलर का निकला। उन्होंने बताया कि दूसरी बात उनकी भेड़ बकरी पच्छाद के खैरी में चुराई गई थी।

यहां पर उनकी करीब 18 भेड़ बकरियां चोर पिकअप में भरकर नाहन की ओर भाग गए थे। जगमोहन ने बताया कि इस घटना की जानकारी उन्होंने राजगढ़ पुलिस थाना में भी दी थी। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक ना तो चोर पकड़े गए हैं और ना ही उनकी भेड़ बकरियां बरामद करवाई गई हैं। बैठक में समिति में सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके पशुधन की सुरक्षा को लेकर बैरियर और नार्को पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि उनकी भेड़ बकरियों पर जो टैग लगाए जाते हैं उसमें जीपीएस का सिस्टम भी लगाया जाना चाहिए।
उपाध्यक्ष प्रकाश चंद नेगी ने बताया कि उन्हें न केवल भेड़ बकरियों के चोरी होने का खतरा रहता है बल्कि चोरों से उन्हें जान का भी खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2091-92 में विक्रम बाग में चोरों ने ना केवल उनकी भेड़ बकरियां चुराई थी बल्कि भेड़ पालकों को भी मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि तमाम भेड़ पालकों को जो पशुधन लेकर एक जिला से दूसरे जिला में विचरण करते हैं उन्हें सेल्फ प्रोटेक्शन के तहत सरल तरीके से पिस्टल का लाइसेंस दिलवाया जाए। समिति ने बैठक में सरकार से जल्द से जल्द वूल फेडरेशन के चेयरमैन की नियुक्ति करने की भी मांग की है।
प्रकाश चंद नेगी ने बताया कि पिछले 7- 8 सालों से ना तो उनकी ऊन दाम बढ़ाए गए हैं और ना ही भेड़ बकरियों के मांस की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनकी भेड़ों के ऊन दाम जल्द से जल्द भडवांए जाएं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पशुपालन विभाग के माध्यम से उनके पशुधन हेतु दवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएं। बैठक में रोहड़ू और किन्नौर के दर्जनों भेड़ पालकों में शामिल समिति के कोषाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह नेगी, जय लाल, ऋषभदेव, रविंदर, जगमोहन, गहरी लाल, सुरजीत सिंह, बलदेव नेगी, गीताराम आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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