पीजीआई चंडीगढ़ ने लौटाया , नाहन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बचाई जान , डॉ. अनिकेता ने पेश की इंसानियत की मिसाल, मरीज की पत्नी ने किया भावुक आभार व्यक्त
लीवर और फेफड़ों की गंभीर स्थिति में था मरीज
उत्तराखंड के 37 वर्षीय पप्पू, जो वर्तमान में हरियाणा के करनाल में एक निजी कंपनी में काम करते थे, को लीवर फेलियर और फेफड़ों में पानी भरने के कारण गंभीर स्थिति में 2 जनवरी को नाहन मेडिकल कॉलेज लाया गया। उनके पूरे शरीर में सूजन थी और वह कोमा में जा चुके थे। मेडिकल कॉलेज की डॉ. अनिकेता शर्मा ने उनके बेहतर इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया।
पीजीआई से लौटा दिया गया, कहा अब कुछ नहीं हो सकता
पुष्पा, मरीज की पत्नी, ने बताया कि 3 जनवरी को पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के लिए ले जाने पर सभी आवश्यक टेस्ट किए गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि मरीज का लीवर पूरी तरह खराब हो चुका है और अब उसे बचाया नहीं जा सकता।
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8 जनवरी को दोबारा नाहन मेडिकल कॉलेज में इलाज शुरू
पीजीआई से लौटने के बाद, 8 जनवरी को पुष्पा ने अपने पति को फिर से नाहन मेडिकल कॉलेज लाया। यहां डॉ. अनिकेता और उनकी टीम ने मरीज का इलाज शुरू किया। साथ ही, डॉक्टर ने आर्थिक सहायता और हर संभव मदद भी की।
मरीज की हालत में सुधार, अस्पताल से छुट्टी
डॉ. अनिकेता ने न केवल पेशेवर रूप से मरीज का इलाज किया बल्कि एक बेटी की तरह हर पल मरीज और उसके परिवार का हौसला भी बढ़ाया। नतीजतन, मरीज की हालत में तेजी से सुधार हुआ और 16 जनवरी को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
फिलहाल मेडिसीन पर रखा गया है मरीज
डॉ. अनिकेता ने बताया कि मरीज को मेडिसीन पर रखा गया है। गंभीर स्थिति में आने के बावजूद, सही उपचार और देखभाल के कारण अब मरीज की हालत बेहतर है।
परिवार ने जताया भावुक आभार
दो मासूम बच्चों की मां पुष्पा ने डॉ. अनिकेता और उनकी टीम को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि उनकी इंसानियत और सेवा भाव ने उनके पति की जान बचाई।
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