ऊना/वीरेंद्र बन्याल
आपातकालीन स्थितियों में समन्वित प्रतिक्रिया और अस्पताल सुरक्षा के लिए तैयारियों पर दिया गया जोर
प्रशिक्षण का उद्देश्य और समापन समारोह
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय अस्पताल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन योजना प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शनिवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हुआ। समापन अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मा ने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि बदलते समय में आपदा प्रबंधन की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।
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प्राकृतिक और औद्योगिक आपदाओं में चिकित्सकों की भूमिका
डॉ. वर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और औद्योगिक विकास के चलते प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं की आवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में प्रत्येक सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थान को प्रभावी आपदा प्रबंधन योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना चाहिए। उन्होंने चिकित्सकों की सुरक्षा और उनकी जिम्मेदारी पर बल देते हुए कहा कि किसी भी आपदा में चिकित्सकों को पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए दूसरों की मदद करनी चाहिए।
आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल्स और आपातकालीन नंबर आवश्यक
उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पतालों में प्रमुख आपातकालीन दूरभाष नंबरों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए और वर्ष में कम से कम दो से तीन मॉक ड्रिल्स करवाई जानी चाहिए ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में कुशल एवं समन्वित ढंग से प्रतिक्रिया दी जा सके।
प्रमाण पत्र वितरण और समयसीमा निर्धारण
कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और निर्देश दिए गए कि सभी संस्थान 30 मई 2025 तक अपनी आपदा प्रबंधन योजना बनाकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय को भेजें। यह प्रयास अस्पतालों की सुरक्षा के साथ-साथ आपातकालीन खोज और बचाव कार्यों को सशक्त बनाएगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
समापन समारोह में क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया सहित जिले के विभिन्न सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों से आए चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ एवं संस्थागत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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