खेल मंत्री ने नूरपुर में ‘रन अगेंस्ट ड्रग्स’ को दिखाई हरी झंडी
HNN/ कांगड़ा
ड्रग्स के विरुद्ध लड़ाई केवल सरकार और प्रशासन की ज़िम्मेदारी नहीं है अपितु पूरे समाज को इसके विरुद्ध खड़ा होने की आवश्यकता है। नशे के ख़िलाफ़ लड़ाई एक जनआंदोलन बने इसके लिए सभी को अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी पड़ेगी।
नूरपुर में ‘रन अगेंस्ट ड्रग्स’ मैराथन में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए युवा सेवाएँ एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यह शब्द कहे। नूरपुर में हुई इस मैराथन में कुल 270 युवाओं ने भाग लिया, जिसमें 215 पुरुष और 55 महिला प्रतिभागियों ने ड्रग्स के विरुद्ध दौड़ लगाई।
*यह रहे विजेता*
मैराथन में भाग लेने वाले युवाओं में महिला वर्ग में रवीना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं नीतिका चौधरी और अंजू ने द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया। पुरुष वर्ग में विक्रम सिंह पहले स्थान पर रहे तथा अंकित चौधरी दूसरे और तुषार चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। महिला एवं पुरुष वर्ग में प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को 5100 रुपये, दूसरे स्थान में रहने वाले को 3100 रुपये और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को 2100 रुपये की राशि और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
*नशा तस्करों पर सर्जिकल स्ट्राइक की ज़रूरत*
युवा सेवाएँ एवं खेल मंत्री ने मैराथन में भाग ले रहे युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नूरपुर और पास के क्षेत्रों में आज यह ड्रग्स रूपी दुश्मन बुरी तरह घुसपैठ कर चुका है। इसके विरुद्ध विजय हासिल करने के लिए हमें नशा तस्करों के ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक करने की ज़रूरत है।
उन्होंने स्थानीय लोगों और युवाओं से आह्वान किया कि अपने क्षेत्र से ड्रग्स की कुरीति को मिटाने के लिए सभी लोग सरकार और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से नशे के विरुद्ध लड़ाई को प्राथमिकता से लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायतों का विकास तभी होगा जब युवा स्वस्थ और सुरक्षित होगा। इसलिए इस दिशा में कार्य कार्य करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
*सहानुभूति पूर्वक हों ड्रग्स छुड़वाने के प्रयास*
खेल मंत्री ने कहा कि बहुत बार देखने में आता है कि नशे के चंगुल में फँसे युवा का लोग सामाजिक रूप से बहिष्कार करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि इससे कईं बार उसमें अपने प्रति हीन भावना इतनी प्रबल हो जाती है कि वे चाह कर भी नशे को छोड़ नहीं पाता।
उन्होंने कहा कि नशे में फँसे व्यक्ति को हमें एक रोगी के रूप में देखना चाहिए और हर संभव तरीक़े से उसके उपचार का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उससे घृणा करने की बजाए सामाजिक तौर पर उसे नशे से बाहर निकालने में मदद करनी चाहिए।
*नूरपुर में स्टेट ऑफ़ द आर्ट नशा मुक्ति केंद्र ज़रूरी*
युवा सेवाएँ एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नूरपुर और उससे साथ लगते क्षेत्र में जिस प्रकार ड्रग्स की चपेट में युवा आ रहे हैं, उससे निपटने के लिए कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि नूरपुर में एक स्टेट ऑफ़ द आर्ट नशा मुक्ति केंद्र की सख़्त ज़रूरत आज महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष इस विषय को पूरी गंभीरता से रखेंगे और नूरपुर में एक अत्याधुनिक नशा मुक्ति केंद्र के निर्माण के लिए प्रयास करेंगे।