HNN/ शिमला
करीब 22 वर्ष पुरानी उठाऊ सिंचाई योजना गानिया बीते एक दशक से जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी है जिस कारण नारिगा, गानिया, बाऊंटला इत्यादि सैंकड़ों बीघा भूमि बंजर हो चुकी है। परंतु विभाग द्वारा इस योजना के जीर्णोद्धार के लिए आज तक कोई पग नहीं उठाया गया है। कृषि विकास संघ गानिया-नारिगा के प्रधान बाला राम वर्मा, पंचायत उप प्रधान संदीप मेहता, रामलाल, पूर्व प्रधान बालक राम निर्मोही, केवलराम, अजीत वर्मा सहित गांव के अनेक लोगों का कहना है कि वर्ष 2000 के दौरान इस ऊठाउ सिंचाई योजना का लोकार्पण इस क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं मंत्री रूपदास कश्यप द्वारा किया गया था।
इस योजना के तहत गिरि नदी से पानी को उठाया गया था परंतु पिछले करीब एक दशक से यह योजना बंद पड़ी है। विभाग द्वारा पिछले दो वर्षों से 33 लाख की राशि स्वीकृत होने का दावा किया जा रहा है परंतु आज तक इस योजना पर मुरम्मत के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगाई गई। बताया कि नारिगा पंपिग स्टेशन पर लगी मोटर व अन्य मशीनरियां पूर्णतया खराब हो चुकी है। बाला राम वर्मा का कहना है कि कृषि विकास संघ की बैठक में पिछले छः वर्षों से लगातार प्रस्ताव पारित करके जल शक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजे जा रहे है परंतु विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया है।
इनका कहना है कि विभाग की उदासीनता के कारण तीन गांव की सैंकड़ों बीघा भूमि बंजर हो गई है और पानी न होने के कारण किसान नगदी फसलों को उगाने में असमर्थ हैं। सहायक अभियंता जेएसवी कोटी विनोद वर्मा ने बताया कि इस योजना के पुनरूद्धार के लिए 33 लाख की राशि स्वीकृत कर दी गई है। इस योजना की आवश्यक मुरम्मत करके इसे शीघ्र ही क्रियाशील बनाया जाएगा। बताया कि इस योजना से 23 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी और किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।