हिमाचल प्रदेश में रविवार को हुई तेज बारिश ने तबाही मचा दी। कुल्लू और मंडी जिले में बाढ़ और भूस्खलन से सड़कें, घर और गाड़ियां प्रभावित हुईं। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन जगह-जगह बंद हो गया, जिससे लोगों की आवाजाही मुश्किल हो गई। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है।
कुल्लू/मंडी :
पाहनाला और मंडी में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त
रविवार सुबह कुल्लू जिले के पाहनाला और मंडी जिले के नगवाई से औट तक के क्षेत्रों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। टकोली सब्जी मंडी और फोरलेन तक मलबा पहुंचने से कारोबार ठप्प हो गया। कई घरों में मलबा घुस गया और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई।
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एफकॉन कंपनी को भारी नुकसान
औट तहसील के सारानाला में बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने का समय नहीं मिला। एफकॉन कंपनी का ऑफिस और कॉलोनी क्षतिग्रस्त हो गए। कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई, लेकिन कंपनी की संपत्ति को भारी नुक्सान पहुंचा। आसपास के घरों में रहने वाले परिवार भी प्रभावित हुए।
वाहनों पर टूटा कहर
टकोली, पनारसा और नगवाईं क्षेत्रों में बाढ़ और मलबे ने 10 से अधिक गाड़ियों को चपेट में ले लिया। कई वाहन मलबे में दब गए, तो कुछ तेज बहाव में बह गए। मंडी एएसपी सचिन हिरेमठ ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर संपर्क बाधित हुआ है, हालांकि जनहानि की सूचना नहीं है।
यैलो अलर्ट जारी, अब तक 261 मौतें
मौसम विभाग ने मंडी, शिमला, सिरमौर, चम्बा और कांगड़ा जिलों में यैलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। इस मानसून सीजन में अब तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2144 करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
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