HNN / शिमला
कसुंपटी क्षेत्र के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर के नेतृत्व में हिप्र सहकारी , कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के प्रबंध निदेशक विवेक चैहान से भेंट की तथा किसानों को दिए गए फसल ऋण को माफ करने बारे आग्रह किया। इसके उपरांत प्रतिनिधिमंडल बैंक के महा प्रबंधक से भी मिला। डाॅ तंवर द्वारा जारी बयान में कहा कि सूखाग्रस्त के कारण किसानों की हालत बहुत दयनीय है जिस कारण किसानों को सहकारी बैंक से लिए गए ऋण की अदायगी करना कठिन हो गया है।
इनका कहना है कि भारत सरकार द्वारा जहां काॅरपोरेट घरानों के 68860 करोड़ के ऋण को बटटे खाते में डालकर उन्हें राहत प्रदान की गई है उसी तर्ज पर किसानों के फसल ऋण माफ कर दिए जाएं। इनका कहना है कि बीते दो वर्षों से पहले कोरोना संकट और अब सूखे के कारण किसानों ही आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बताया कि बैंको द्वारा ऋण को जमा करने बारे बार-बार दबाव डाला जा रहा है। ऋण की अदायदी न होने के कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे।
डाॅ. तंवर का कहना है कि कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा नाबार्ड से 6.90 से 7.50 प्रतिशत ब्याज पर ऋण लिया जाता है जिसे किसानों को 11 प्रतिशत पर प्रदान किया जाता है जोकि तर्क संगत नहीं है। उन्होने कहा कि किसान सभा का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री से भेंट करके इस मामले को प्रभावी ढंग से उठाया जाएगा। बैंक के महा प्रबंधक विवेक चैहान ने कहा कि ऋण माफ करने का अधिकार उनके पास नहीं है जिस बारे सरकार ही निर्णय ले सकती है ।