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काला आम में अवैध खनन से तबाही, करोड़ों की परियोजनाएं खतरे में

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मारकंडा नदी छलनी, पुल और सीवरेज खतरे में; पर्यावरण को भारी नुकसान

नाहन/काला आम

हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र काला आम में पिछले डेढ़ साल से हो रहे अवैध खनन ने क्षेत्र की जीवन रेखा मारकंडा नदी को प्रभावित करने की शिकायत को लेकर प्रदेशभजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की अध्यक्षता मे एक प्रतिनिधि मंडल उपाय सिरमौर प्रियंका वर्मास मिला । डॉ राजीव बिंदल ने बताया कि मोगीनंद से लेकर काला आम (हरियाणा) तक नदी को जगह-जगह से छलनी कर दिया गया है, जिससे करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल, सीवरेज योजना और पेयजल परियोजनाओं पर खतरा मंडरा रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश महोदया को ज्ञापन सौंपकर इस गंभीर स्थिति पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन में बताया गया है कि खनन माफिया चोर रास्तों का निर्माण कर जेसीबी, पोकलेन और टिप्परों से लगातार खनन कर रहे हैं और इस सामग्री को सटे हुए हरियाणा क्षेत्र में बेच रहे हैं। हैरानी की बात है कि जिला सिरमौर का प्रशासन, खनन विभाग, वन विभाग, आईपीएच विभाग, पुलिस विभाग, पर्यावरण विभाग और प्रदूषण विभाग का कोई भी अधिकारी इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए तैयार नहीं है।

अवैध खनन के कारण मोगीनंद और नागल-सकेती गांव के बीच बने नए पुल और सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है।
डॉ राजीव बिंदल ने बताया कि 40-40 टन के टिप्परों के गुजरने से सड़क पूरी तरह टूट चुकी है और नदी को 10 से 40 फीट तक गहरा करने से पुल के पाये भी नंगे हो गए हैं, जिससे पुल गिरने का खतरा पैदा हो गया है।
उन्होंने बताया कि काला आम क्षेत्र की करोड़ों रुपये की सीवरेज योजना भी खनन माफियाओं की भेंट चढ़ गई है। नदी किनारे से गुजरने वाली सीवरेज लाइनों के खंभे और पाइपें कई स्थानों पर तोड़ दी गई हैं, और नदी के गहरे होने से खंभे पूरी तरह से नंगे होकर सीवर लाइन ध्वस्त होने की कगार पर है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मारकंडा नदी पर स्थापित करोड़ों रुपये की पेयजल और सिंचाई योजनाएं भी बेतरतीब खनन के कारण खतरे में पड़ गई हैं। कभी भी इन योजनाओं के पंप हाउस और बिजली के खंभे गिर सकते हैं।
ज्ञापन में सुकेती औद्योगिक क्षेत्र के पीछे और खारी गांव में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन और वन कटान से पर्यावरण को हो रहे भयावह नुकसान का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों को बेरहमी से काटकर 400-500 फीट तक गहरा कर दिया गया है और बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा गया है।

डॉ राजीव बिंदल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय फॉसिल पार्क सुकेती के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के कारण इस महत्वपूर्ण स्थल के नजदीक लगभग 150 बीघा जमीन को अनाधिकृत रूप से खोदा जा रहा है, जिससे 40-45 फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं।

डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि इस खनन से न तो सरकार को कोई रॉयल्टी मिल रही है और न ही यहां कोई माइनिंग लीज है। उन्होंने कहा कि भूमि पर लगी सरकारी सिंचाई योजना को भी पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में जिलाधीश से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में कई स्थानीय गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

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