Himachalnow / कांगड़ा
महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश में मिशन शक्ति के तहत 152 आंगनबाड़ी कम क्रैच खोलने की तैयारी कर रहा है। इन क्रैचों को “पालना केंद्र” नाम दिया गया है, जहां कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल की जाएगी। केंद्र सरकार से इस योजना को मंजूरी मिल चुकी है। पालना केंद्रों का संचालन आंगनबाड़ी केंद्रों में ही किया जाएगा और प्रत्येक केंद्र में दो अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। एक केंद्र में 25 बच्चों को सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक देखभाल और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इन केंद्रों में बच्चों को पोषणयुक्त भोजन, आराम और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह पहल उन महिलाओं के लिए सहायक सिद्ध होगी, जो अपने बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित रहती हैं और इस कारण उनका काम प्रभावित होता है। केंद्रों के संचालन के लिए राज्य स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है और स्टाफ की तैनाती के लिए गाइडलाइन बनाई जा रही है।
विभाग के अनुसार, एक पालना केंद्र के संचालन पर लगभग 50,000 रुपये का खर्च आएगा। ये केंद्र आंगनबाड़ी केंद्रों के सरकारी या निजी भवनों में खोले जाएंगे, जिनका किराया 8000 से 10,000 रुपये प्रति माह के बीच रहेगा। जिला कांगड़ा में 18 पालना केंद्रों के लिए भवनों का चयन भी कर लिया गया है।
यह योजना कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी, जिससे वे बिना चिंता के अपने बच्चों को पालना केंद्रों में छोड़कर काम कर सकेंगी। बजट मिलने और अधिसूचना जारी होने के बाद केंद्रों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।