ऊना जिले में आज से विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ हुआ। 1 से 7 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान में 1364 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और स्वास्थ्य कर्मी मिलकर माताओं को स्तनपान के महत्व और उसके लाभों के बारे में जागरूक करेंगी।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
स्तनपान से नवजातों को कुपोषण से बचाने का लक्ष्य
जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) नरेंद्र कुमार ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं को कुपोषण से बचाना और उनके मानसिक व शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि स्तनपान शिशुओं के लिए प्राकृतिक, पोषक तत्वों से भरपूर और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला आहार है, जो दस्त, निमोनिया और अन्य संक्रमणों से बचाता है।
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माताओं के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद
नरेंद्र कुमार ने कहा कि स्तनपान माताओं के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि कैंसर और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम करता है। आपातकालीन परिस्थितियों में भी यह शिशुओं के लिए सबसे सुरक्षित और तुरंत उपलब्ध भोजन स्रोत है।
अभियान की थीम और उद्देश्य
इस वर्ष की थीम “स्तनपान को प्राथमिकता दें, स्थायी सहायता प्रणालियां बनाएं” रखी गई है। इसका उद्देश्य माताओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सहायक प्रणालियां विकसित करना है।
समाज और पर्यावरण की स्थिरता में भूमिका
अधिकारी ने बताया कि स्तनपान न केवल मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पूरे समाज और पर्यावरण की स्थिरता के लिए आवश्यक है।
जागरूकता गतिविधियां
अभियान के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोस्टर मेकिंग जैसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और संदेश फैलाया कि स्तनपान को प्राथमिकता देकर ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
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