हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की 24 घंटे की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। इस दौरान मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आनी में एक दर्दनाक हादसे में पिता और दो बेटे कार दुर्घटना का शिकार हुए, जिनमें बड़ा बेटा मौके पर ही मौत का शिकार हो गया।
शिमला।
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
गुरुवार रात 8 बजे से शुक्रवार रात 8 बजे तक चली 108 और 102 कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान अस्पतालों में एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। चार जिलों में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
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खाई में गिरने से बड़ा बेटा मौत का शिकार
आनी के गुगरा के पास शुपधारठी मोड़ पर शुक्रवार दोपहर साढ़े तीन बजे एक स्विफ्ट कार गहरी खाई में जा गिरी। कार में चालक विजेंद्र और उसके दो बेटे आदित्य (15) और नैतिक (13) सवार थे। हादसे में आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि विजेंद्र और नैतिक गंभीर रूप से घायल हुए। ग्रामीणों ने घायलों को निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया, क्योंकि हड़ताल के कारण एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी।
खनेरी अस्पताल में निजी वाहनों से पहुंचे 22 मरीज
महात्मा गांधी खनेरी अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं भी बाधित रहीं। 22 मरीजों को 45 से 60 किलोमीटर का सफर तय कर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया। इससे लोगों को आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से परेशानी उठानी पड़ी।
कर्मचारी यूनियन की चेतावनी
108-102 कर्मचारी यूनियन ने सरकार को चेताया है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र नहीं माना गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। यूनियन का कहना है कि वे 14–15 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
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