Himachalnow/शिमला
हिमाचल में नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को यूजी डिग्री कोर्स में लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। नीति में यूजी में छात्रों को मेजर, माइनर, वैकल्पिक, कौशल विकास सहित कई तरह के विषय पढ़ने की सुविधा देने की बात हो रही है। लेकिन जिन कॉलेजों में शिक्षक कम हैं वहां सुविधाएं कैसे नसीब होंगी।
हिमाचल में 138 डिग्री कॉलेज हैं। इनमें से एक तिहाई कॉलेजों में पांच या इससे कम शिक्षक हैं। वहीं, बहुत से ऐसे कॉलेज भी हैं, जहां पर ढांचागत सुविधाएं जैसे भवन तक नहीं हैं। तमाम बिंदुओं और सुविधा के अभाव के कारण पेश आ रही समस्याओं को देखकर ही एनईपी-2020 का यूजी डिग्री कोर्स के लिए प्रारूप तैयार करना होगा।
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सिर्फ सुविधा संपन्न और पीजी डिग्री कोर्स चला रहे कॉलेजों में ही पहले चरण में चार वर्षीय ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च डिग्री कोर्स शुरू करना होगा। चार साल के डिग्री कोर्स के लिए कॉलेजों में और सुविधाएं जुटानी होंगी। 160 क्रेडिट की ऑनर्स, ऑनर्स विद रिसर्च डिग्री देने वाले कॉलेजों में विषयों की च्वाइस देने के लिए पर्याप्त फैकल्टी, कम से कम दो पीएचडी सुपरवाइजर के लिए अधिकृत शिक्षकों की तैनाती करनी होगी।
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