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बिंदल को एक बार फिर मिल सकता है प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद का जिम्मा

हिमांचलनाउ डेस्क नाहन | 14 दिसंबर 2024 at 3:10 pm

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Himachalnow / नाहन

चर्चा में कई नाम मगर गुटबाजियों में उलझी भाजपा के लिए हाई कमान फिलहाल नहीं लगा कोई रिस्क

शैलेश सैनी

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मौजूदा समय प्रदेश भाजप अध्यक्षक का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है। क्या फिर से राजीव बिंदल को कमान सौंप जाएगी या नहीं इसको लेकर हाई कमान भी बराबर फीडबैक ले रहे हैं। केंद्रीय सूत्रों की मानी जाए तो हाई कमान को गया प्रदेश भाजपा व रजनीतिक समीकरणों का हिसाब किताब किसी अन्य चेहरे पर दाव खेलने का गणित बिल्कुल भी बनता नजर नहीं आता है।

हालांकि चर्चा में सतपाल सती का नाम भी जोड़कर देखा जा रहा है इसके अलावा विपिन सिंह परमार त्रिलोक जमवाल सहित ईंदू गोस्वामी का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है। पूर्व में मुख्यमंत्री रहे जयराम ठाकुर भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं इसके अलावा सतपाल सत्ती का कार्यकाल प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काफी लंबा रहा है।

मौजूदा शिमला पार्लियामेंट्री क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इन सब के बावजूद संगठन को भाजपा संगठन के नियमों के अनुसार बेहतर चलाने में डॉ राजीव बिंदल का मुकाबला कोई नहीं कर सका है। डॉ राजीव बिंदल को ना केबल संगठन चलाने का बेहतर अनुभव है बल्कि कार्यक्रम मैनेजमेंट में भी उनका कोई सानी नहीं है।

राजनीतिक कारणों से पैदा हुई कई विषम परिस्थितियों के बावजूद भी अकेले अपने दम पर डॉ राजीव बिंदल ने खुद को सिद्ध करके दिखाया भी है। चर्चा तो यहां तक भी है कि हाल ही में हुए मिशन लोटस के फेल होने को लेकर यदि बिंदल अपनी रणनीति तैयार करते तो यह मिशन सक्सेस भी हो सकता था।
प्रदेश में भाजपा गुटबाजी में बटी हुई है। तो वहीं अब केवल 3 साल का समय चुनाव का शेष बचा है प्रदेश में भजपा ने 74 मंडल से 171 मंडल की संख्या कर दी है। मंडल अध्यक्ष चुनाव के बाद जिला अध्यक्ष बनाए जाने हैं इस प्रक्रिया के होते ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा।

यहां यह भी जानना जरूरी है कि पूर्व में अध्यक्ष रहे सतपाल‌ सत्ती और डॉ राजीव बिंदल के अलावा प्रदेश में संगठन चलाने का सबसे बेहतर अनुभव किसी और के पास नहीं है। साथ ही कांग्रेस की सरकार पर जिस तरीके से मौजूदा समय मानसिक दबाव बनाकर उनका तनाव बढ़ाया जा रहा है उसमें भी प्रदेश भाजपा अधक्ष काफी सफल हो रहे हैं।

हालांकि डॉ राजीव बिंदल खुद नहीं चाहते कि वह फिर से प्रदेश अध्यक्ष बने क्योंकि यह भी तय है कि जो भी प्रदेश अध्यक्ष होगा वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएगा। जबकि 2027 के चुनाव में डॉ राजीव बिंदल भाजपा की ओर से नाहन विधानसभा सीट के प्रबल दावे दारों में भी है। माना तो यह भी जा रहा है कि 2027 के चुनाव में प्रदेश की कई सीटें खुल सकती हैं। नाहन सीट महिला रिजर्व भी हो सकती है। वैसे भी भाजपा की नई रणनीति में आने वाले समय में किसी भी राज्य का प्रदेशअधक्ष चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में जिस भी राज्य से प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव लड़ा था वह हार गए थे ।अध्यक्ष पद पर रहते हुए चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी संगठन के लिए चुनाव के दौरान काम नहीं कर पता है। लिहाजा आने वाले चुनाव में किसी भी प्रदेश अध्यक्ष को टिकट मिले ऐसा नजर नहीं आता है।

हिमाचल प्रदेश में 12 प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं जिसमें सबसे पहले गंगा सिंह, नगिन चंद्रपाल, शांता कुमार, महेश्वर सिंह, प्रेम कुमार धूमल, सुरेश चंदेल, जय कृष्णा शर्मा, सुरेश भारद्वाज, जयराम ठाकुर, सतपाल सती, सुरेश कश्यप प्रदेशअधक्ष रह चुके हैं मौजूदा समय डॉक्टर राजीव बिंदल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैं।

डॉ राजीव बिंदल को कुशल रणनीतिकार भी माना जाता है साथ ही वह एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी है। लिहाजा 2027 के चुनाव में गुट बाजी के बावजूद बेहतर तालमेल बिठाने तथा कुछ नए युवा चेहरों को मैदान में उतरने से पहले न केवल संरक्षण का मजबूत होना जरूरी है बल्कि एक बेहतर तालमेल बनाकर 2027 की रणनीति बनाना भी जरूरी है। ऐसे में हाई कमान भी जानता है कि डॉ राजीव बिंदल फिलहाल संगठन के लिए बेहतर विकल्प है।

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