HNN/ नाहन
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पूरे देश भर में एमबीबीएस के विद्यार्थियों के लिए लागू किए गए नेशनल एग्जिट टेस्ट के विरोध में हिमाचल प्रदेश के प्रशिक्षु चिकित्सक सड़कों पर उतर गए हैं। शनिवार को जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन स्थित डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सैकड़ों एमबीबीएस के प्रशिक्षु चिकित्सक नेक्स्ट के विरोध में सड़कों पर उतरे तथा काले बिल्ले लगाकर इसका विरोध जताया।
इस अवसर पर डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन के सीएससीए के प्रधान संजीत राणा व उपाध्यक्ष सृष्टि शर्मा के अलावा महासचिव आकांक्षा ने बताया कि पूरे देश भर में वर्ष 2019 से नेशनल एग्जिट टेस्ट लागू किया गया है जिसका वर्ष 2019 के बैच के प्रशिक्षु चिकित्सक कड़ा विरोध करते हैं।
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उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में इस अधिसूचना के लागू होने से पहले उनका बैच आरंभ हो चुका था। ऐसे में उन पर फ़िलहाल यह शर्त लागू नहीं की जाए। उन्होंने कहा कि नेशनल एग्जिट टेस्ट एमबीबीएस के लाइसेंस की एक परीक्षा है जो मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लागू की गई है इसके अलावा पोस्टग्रेजुएट प्रवेश परीक्षा के लिए भी नेक्स्ट परीक्षा को लागू किया गया है।
जिसका एमबीबीएस के वर्ष 2019 के बैच के छात्र पूरी तरह से विरोध करते हैं। शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज नाहन के वर्ष 2019 के अलावा अन्य एमबीबीएस पशु चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के एमबीबीएस के प्रशिक्षु चिकित्सक विरोध करते है।
डॉ संजीत राणा ने कहा कि एमबीबीएस का वर्ष 2019 का बैच 1 अगस्त 2019 से लागू हो गया था जबकि एनएमसी का एक्ट 8 अगस्त 2019 को पब्लिश होने के बाद सितंबर 2020 में लागू किया गया था।
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