त्योहारी सीजन में महंगाई की मार, आम आदमी की पहुंच से बाहर हुई सब्जियां व दालें

BySAPNA THAKUR

Oct 25, 2021

HNN/ नाहन

त्यौहार का सीजन शुरू हो चुका है। हालाँकि बाज़ारों में भीड़ तो काफी उमड़ रही है। मगर सब्जियों सहित खाद्य तेलों में अचानक आई वृद्धि के बाद त्योहारों में पकवानों का रंग फीका पड़ गया है। बाज़ार में रिफाइंड और सरसों का तेल 180 के फिगर को पार कर चुका है। तो वहीँ, दालें, सब्जी आदि के रेट भी आसमान को छू रहे है। जिसका सीधा असर लोगों के द्वारा त्योहारों पर बनाये जाने वाले पकवानों पर पड़ा है।

स्थानीय निवासी राकेश खन्ना का कहना है कि खाने की चीज़ों के साथ-साथ सफर भी महंगा हो चूका है। इनका कहना है कि पेट्रोल और डीजल शतक लांग चूका है। जिसका सीधा असर ट्रांसपोटेशन की वजह से अन्य खाद्य वस्तुओं पर भी पड़ा है। गृहणी निर्मला ठाकुर, रचना गुप्ता, अर्चना आदि का कहना है कि लॉक डाउन के बाद त्योहारों का सीजन जश्न के साथ मनाने का मौका मिला था।

मगर बिना पकवानों के जश्न भी अधूरा होता है। बताया कि लोग पहले बढ़िया स्वादिष्ट पकवान बना कर एक-दूसरे परिवार में आदान-प्रदान करते थे। मगर महंगाई की मार ने पकवानों का स्वाद भी बिगाड़ कर रख दिया है। लोगों का कहना है कि बाजार में मिठाइयों के दाम भी आसमान को छू रहे है। तो वहीँ, गैस के सिलेंडर की दी जाने वाली सब्सिडी अभी तक उनके खातों में नहीं आई है।

बड़ी बात तो यह है कि जिला के अधिकतर बाजार सामानों के सजे पड़े है मगर खरीदार महंगाई के कारण दूकान में चढ़ने से भी परहेज कर रहा है। वहीँ, दुकानदारों का कहना है कि वह भी क्या करें जब पीछे से ही माल महंगा भाड़ा लगाकर आ रहा हो। उनका कहना है कि ट्रांसपोटरों ने माल ढुलाई का दाम बढ़ा दिया है। जिसके कारण हर छोटी से छोटी वस्तु आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है।

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