HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तेंदुए के आतंक से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। तेंदुआ रिहायशी इलाकों में घुसकर मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वह अपने छोटे बच्चों को अकेले ना छोड़े। गौरतलब हो कि 4 नवम्बर को राजधानी शिमला के डाउनडेल से 5 साल के मासूम और उससे पहले पांच अगस्त को कनलोग के रिहायशी इलाकों से छह साल की बच्ची को तेंदुआ घर से उठा ले गया।
रिहायशी इलाकों में घुसकर जिस तरह से तेंदुआ घर से ही बच्चों को उठा रहा है ऐसे में लोगों को अपने छोटे-छोटे बच्चों की बेहद चिंता सता रही है। बड़ी बात तो यह है कि फागली क्षेत्र के आनंद वाटिका के समीप देर शाम स्थानीय लोगों को तेंदुआ दिखाई दिया है। ऐसे में लोगों में खौफ और अधिक बढ़ गया है। आलम यह है कि शाम के वक्त लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। वहीँ, शिमला के डाउनडेल और उससे पहले कनलोग के रिहायशी इलाकों में घुसकर बच्चों का शिकार करने वाला तेंदुआ एक ही होने की आशंका है।
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लिहाजा वन विभाग की टीम द्वारा घटनास्थल पर कैमरे लगाए गए हैं साथ ही तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे भी स्थापित किये गए हैं। वन विभाग द्वारा अब तेंदुए को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। तो वहीं दूसरी तरफ देश भर में यह पहला मामला है जब पटाखों के शोर के बीच कोई तेंदुआ बच्चे को घर से उठाकर ले गया। हालांकि अभी स्पष्ट रूप से तो नहीं कहा जा सकता कि बच्चे को तेंदुआ ही उठाकर ले गया है परंतु विशेषज्ञों की मानें तो यह कारनामा तेंदुए का ही है।
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