HNN/किन्नौर
किन्नौर जिले में चिलगोजे की बंपर फसल होने के कारण इसके दाम में 22% की वृद्धि हुई है। इस वर्ष चिलगोजा 2200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है, जबकि पिछले वर्ष इसके दाम 1500 से 1800 रुपये के बीच थे। किन्नौर जिला का चिलगोजा देश भर में जाता है और इसका उत्पादन किन्नौर और जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में ही होता है।
चिलगोजे का पौधा प्राकृतिक रूप से उगता है और ग्रामीण कड़ी मेहनत के बाद पेड़ों से चिलगोजा निकालते हैं। जिले में बेहतर फसल उत्पादन के समय करीब तीन हजार क्विंटल, जबकि कम फसल उत्पादन के समय एक हजार से 15 सौ क्विंटल तक ही चिलगोजे का उत्पादन होता है। वन विभाग ने ठेकेदारों को चिलगोजा बेचने के लिए परमिट दिया है।
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आयुष विभाग किन्नौर के डॉ. सूरज नेगी के अनुसार चिलगोजा आयरन, कैल्शियम और खनिजों से भरपूर है। यह गर्म तासीर के चलते जोड़ों के दर्द, सर्दी और बुखार के लिए मबाण माना जाता है। शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए भी चिलगोजा काफी लाभदायक सिद्ध होता है।
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