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अब मणिमहेश के दर्शन के लिए जा सकेंगे श्रद्धालु, 8 महीने बाद कुगती पास से आवाजाही बहाल

HNN/ लाहौल-स्पीति

मणिमहेश के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। लाहौल-चंबा को जोड़ने वाला 16800 फीट ऊंचा कुगती दर्रा नौ माह बाद श्रद्धालुओं और ट्रैकरों की आवाजाही के लिए खुल गया है। बता दें यह रास्ता चार माह जून से सितंबर तक ही खुला रहता है। इस दौरान भी इस मार्ग से आवाजाही करने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा रहता है।

मौसम बिगड़ते ही बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है। ट्रैकरों और श्रद्धालुओं को अपने साथ टेंट और खाने-पीने का सामान ले जाना पड़ता है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार हाई अल्टीट्युट सिकनेस की दवाई भी अपने साथ ले जाना अनिवार्य होता है। चंबा और लाहौल आने वाले विदेशी ट्रैकर इस रूट को बेहद रोमांचक ट्रैकिंग रूट मानते आ रहे हैं।

लाहौल के रापे गांव होते हुए कुगती पास लांघकर मणिमहेश झील तक चार दिन का ट्रैक है। चंबा जिले के भेड़पालकों के लाहौल की चारागाहों में प्रवेश के बाद कुगती पास श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए खुल गया है। लाहौल, मनाली, कुल्लू, मंडी के श्रद्धालु इस रास्ते से मणिमहेश के दर्शन के लिए जाते हैं।


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