नाहन के फुटबॉल पर मंडराया राजनीति का संकट

रजिस्टर्ड जिला फुटबॉल एसोसिएशन के बावजूद बना दी गई कथित एसोसिएशन पर सवालिया निशान

HNN / नाहन

उत्तरी भारत में फुटबॉल खेल में पहचान बनाने वाले नाहन से फुटबॉल अब हाशिए पर जा चुका है। अर्श से फर्श पर पहुंचे फुटबॉल खेल के खात्मे के पीछे खेल का राजनीतिकरण बड़ी वजह बन गया है। यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त सेवानिवृत्त फुटबॉल कोच नरेंद्र थापा ने दिया है। अथॉरिटी ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त कोच व फुटबॉलर रहे नरेंद्र थापा ने हाल ही में बनाई गई कथित फुटबॉल एसोसिएशन को असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने बताया कि वे फुटबॉल खेल में राजनीति किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका कहना है कि मैदान में फुटबॉल होना चाहिए राजनीति नहीं।

मामला कुछ इस प्रकार से है कि बीते 15 सितंबर को नाहन के ही रहने वाले फुटबॉल कोच के द्वारा कथित एसोसिएशन गठित की गई थी। जबकि जिला सिरमौर में पहले से ही जिला फुटबॉल एसोसिएशन फंक्शन में थी। इस फुटबॉल एसोसिएशन में ख्याति प्राप्त फुटबॉल कोच और फुटबॉलर जुड़े हुए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 16 अगस्त 2021 को जिला फुटबॉल एसोसिएशन के महासचिव राम सिंह थापा के प्रस्ताव पर एसोसिएशन के चुनाव संवैधानिक रूप से संपन्न करवाए गए थे। यह बताना भी जरूरी है कि जिला सिरमौर फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष मौजूदा सरकार के आईएएस अधिकारी ओंकार शर्मा थे और महासचिव राम सिंह थापा।

तत्कालीन उपायुक्त के निर्देशन पर ही 16 अगस्त 2021 को पुरानी एसोसिएशन को भंग कर नए चुनाव आयोजित करवाए गए थे। संवैधानिक रूप से करवाए गए इन चुनावों में 40 सदस्यों ने भाग लिया था। जिसमें नरेंद्र थापा को फुटबॉल एसोसिएशन जिला सिरमौर का अध्यक्ष, फुटबॉल कोच मनोज पंटेट को महासचिव तथा रिटायर्ड इंजीनियर एसके गोयल को कोषाध्यक्ष चुना गया था। नई कार्यकारिणी में कोच शिवराज, गजेंद्र, महिंद्र थापा, अमरजीत सिंह आदि को भी चुना गया था। बावजूद इसके 15 सितंबर 2021 को नाहन के सर्किट हाउस में कथित एसोसिएशन के चुनाव करवाए गए।

जिसको लेकर जिला सिरमौर फुटबॉल एसोसिएशन के द्वारा कड़ी आपत्ति भी दर्ज की गई। एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें चुनाव से कोई दिक्कत नहीं थी मगर करवाए गए चुनाव में उन्हें भी बुलवाया जाना चाहिए था। इन सभी सदस्यों का यह भी कहना है कि उन्हें किसी भी तरह के पद और राजनीति की लालसा नहीं है। बल्कि वे चाहते हैं कि किसी तरह से नाहन के चौगान से गायब हुआ फुटबॉल फिर से अंतरराष्ट्रीय बुलंदियों को छुएं।

वही फुटबॉल पर राजनीति किए जाने को लेकर और असंवैधानिक रूप से गठित की गई कथित एसोसिएशन को लेकर जिला फुटबॉल एसोसिएशन नरेंद्र थापा की अध्यक्षता में मंगलवार को डीसी सिरमौर से भी मिले। जिसमें उन्होंने उपायुक्त से यह मांग की है कि दोनों कथित एसोसिएशन में से उसे मान्यता दी जाए जिसका चुनाव संवैधानिक रूप से हुआ है।

बरहाल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 इंटरनेशनल फुटबॉलर्स तैयार करने वाले कोच नरेंद्र थापा, मनोज पटेट जैसे कोच शहर को मिले हैं। मगर अब जब नाहन के चौगान मैदान से फुटबॉल सहित खिलाड़ी भी गायब हो चुके हैं ऐसे में खेल का राजनीतिकरण होना प्रदेश के लिए बड़ा दुर्भाग्य होगा।


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