Himachalnow / किन्नौर
वन संपदा की सुरक्षा के लिए जागरूकता और सामंजस्य जरूरी – डॉ. अमित कुमार शर्मा
वन संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने जनजातीय जिला किन्नौर के वनों में आगजनी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वन संपदा का बचाव करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन को रोकने और किन्नौर की प्राकृतिक सौंदर्यता को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि जंगलों को आग से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि वनों की सुरक्षा केवल सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं बल्कि आम नागरिकों का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए।
स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों से अपील
उपायुक्त ने जिला में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करें और लोगों को जागरूक करने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर वॉचर भी तैनात किए गए हैं। यह फायर वॉचर जंगलों की निगरानी करेंगे और आग लगने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
वनों का संरक्षण आजीविका के लिए महत्वपूर्ण
डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि वन, जनजातीय लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इंसान और वन एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों का संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रकृति ने जिला किन्नौर को सुंदरता और स्वच्छ वातावरण से नवाजा है, और इसकी प्राकृतिक धरोहर को बचाना हम सभी का कर्तव्य है।
स्थानीय निवासियों से सतर्कता बरतने की अपील
उपायुक्त ने स्थानीय निवासियों से अपील की कि जंगल में जाते समय सतर्कता बरतें ताकि आगजनी की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बहुमूल्य वन संपदा का संरक्षण तभी संभव होगा जब सभी नागरिक आग से बचाव के लिए सतर्क रहेंगे और अपने स्तर पर सुरक्षा उपाय अपनाएंगे।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group