Tuberculosis Eradication : जिला कांगड़ा में 2.6 लाख लोगों की टीबी जांच, जागरूकता फैलाने वाले कर्मियों को किया गया सम्मानित
धर्मशाला
क्षय रोग उन्मूलन में अंतिम चरण में है जंग
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जिला क्षय रोग निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कहा कि प्रदेश में टीबी उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयास अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में सभी विभागों और नागरिकों की सक्रिय भूमिका अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने प्रभावशाली कार्य के जरिए टीबी के प्रति संवेदनशील और असुरक्षित लोगों को चिन्हित करें और उन्हें जांच के लिए प्रेरित करें।
सही समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकता है टीबी
बैठक में एडीएम ने बताया कि यदि संक्रमित व्यक्ति समय पर जांच करवा ले और इलाज शुरू कर दे तो वह पूरी तरह ठीक हो सकता है। लेकिन यदि पूर्वाग्रहों और संकोच के चलते वह जांच नहीं कराता तो वह न केवल खुद को, बल्कि दूसरों को भी जोखिम में डाल देता है। इसलिए जागरूकता और सक्रिय भागीदारी इस मुहिम की कुंजी है।
सामाजिक सहभागिता से बढ़ रही जांच की पहुंच
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों, विद्यालयों, एनजीओ, फ्रंटलाइन वर्करों और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भूमिका तय की गई है। विशेष रूप से बुजुर्ग, मधुमेही, धूम्रपान करने वाले, कुपोषित या एचआईवी पीड़ितों को प्राथमिकता दी जा रही है। स्क्रीनिंग में सामान्य पाए गए लोगों को निःशुल्क निवारक उपचार दिया जाएगा ताकि वे भविष्य में टीबी से सुरक्षित रह सकें।
बेहतर कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के अंतर्गत शाहपुर ब्लॉक की अंतिमा गुलेरिया और नगरोटा सूरियां ब्लॉक के सुनील कौंडल सहित कई अन्य को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। बीएमओ शाहपुर, नगरोटा बगवा, सीएचओ ज्योति और शीतल सहित कई फ्रंटलाइन वर्करों को भी उनके सराहनीय कार्य के लिए सम्मान मिला। इस दौरान स्पूटम कलेक्शन पोस्टर भी एडीएम द्वारा लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ. निशांत सहित कई अधिकारी और एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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