लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

Shimla / फर्जी वर्क डन सर्टिफिकेट से ठेकेदार ने लिया 11 करोड़ का ठेका, टेंडर रद्द

हिमाचलनाउ डेस्क | 4 फ़रवरी 2025 at 1:07 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

शिमला में 11 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली डूमी-कड़ेची सड़क परियोजना के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा निकाले गए इस टेंडर में एक ठेकेदार ने फर्जी वर्क डन सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर ठेका लेने की कोशिश की। मामला सामने आने के बाद ठेकेदार को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया और अब इस सड़क के लिए नए सिरे से टेंडर निकाले जाएंगे।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

लोक निर्माण विभाग द्वारा 10 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण के लिए 7 ठेकेदारों ने आवेदन किया था। जब टेक्निकल बिड खोली गई, तो इसमें एक ठेकेदार द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई। ठेकेदार ने वर्क डन सर्टिफिकेट में हेराफेरी कर यह दिखाने की कोशिश की कि वह निविदा की शर्तों को पूरा करता है।

इस गड़बड़ी को एक अन्य ठेकेदार ने अधीक्षण अभियंता के संज्ञान में लाया। मामले की जांच के बाद अधीक्षण अभियंता ने ठेकेदार को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया और इंजीनियर-इन-चीफ को पत्र लिखकर नए सिरे से टेंडर जारी करने की सिफारिश की

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

क्या था टेंडर का नियम?

  • टेंडर की शर्तों के अनुसार, ठेकेदार को कुल लागत का कम से कम एक-तिहाई काम पहले किया हुआ होना जरूरी था
  • पहले टेक्निकल बिड खोली जाती है, जिसमें दस्तावेजों की जांच होती है।
  • फिर फाइनेंशियल बिड खोली जाती है, जिसमें सबसे कम बोली लगाने वाले को टेंडर दिया जाता है।

लोक निर्माण विभाग की प्रतिक्रिया

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक राज ने बताया कि जब ठेकेदार से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि गलती उसके कार्यालय के ही एक कर्मचारी से हुई है। उसने यह भी बताया कि जिस समय दस्तावेज जमा किए गए, वह खुद कार्यालय में मौजूद नहीं था।

ठेकेदार एसोसिएशन ने भी की शिकायत

ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार बिज ने कहा कि इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सचिव और इंजीनियर-इन-चीफ को शिकायत पत्र दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।

अब क्या होगा?

  • टेंडर को रद्द कर दिया गया है और अब नई टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी
  • इसमें सड़क की कटिंग, डंगे, कलवर्ट और पुल निर्माण का कार्य शामिल था।
  • लोक निर्माण विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है

निष्कर्ष

शिमला में 11 करोड़ के टेंडर घोटाले का खुलासा होने से एक बार फिर सरकारी टेंडर प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए ठेकेदार को निविदा से बाहर कर दिया गया है और नए टेंडर जारी किए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि भविष्य में ऐसी धांधलियों को रोकने के लिए सरकार और विभाग क्या कदम उठाते हैं।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें