लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

हिमाचल सरकार का नया कदम: शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग और प्रदर्शन आधारित ग्रांट

हिमाचलनाउ डेस्क | 1 दिसंबर 2024 at 6:15 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

हिमाचल प्रदेश सरकार अब शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग करेगी, जिससे उनके आत्म निरीक्षण और अंकेक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस नई पहल की जानकारी दी और बताया कि बेहतर प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं को परफॉर्मेंस बेस्ड ग्रांट मिलेगा।


रैंकिंग और ग्रांट की व्यवस्था

रैंकिंग का उद्देश्य:
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जो शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग करेगा। इस पहल का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थाओं का आत्म निरीक्षण और अंकेक्षण करना है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली और गुणवत्ता में सुधार हो सके।

परफॉर्मेंस आधारित ग्रांट:
जिन शैक्षणिक संस्थाओं को बेहतर रैंकिंग प्राप्त होगी, उन्हें परफॉर्मेंस बेस्ड ग्रांट दी जाएगी। इससे इन संस्थाओं को अपने कार्यों को और प्रभावी तरीके से करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group


शैक्षिक सुधार और नई पहल

ग्रेडिंग प्रणाली और पुस्तकालय:
मुख्यमंत्री ने राजकीय स्नातक महाविद्यालयों और संस्कृत महाविद्यालयों के पुस्तकालयों की ग्रेडिंग जारी की। इस पहल से शैक्षिक संस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर अध्ययन सामग्री उपलब्ध होगी।

न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली:
सीएम सुक्खू ने बताया कि सभी सरकारी विभागों में अब वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी। यह ऑनलाइन प्रणाली को सक्षम करने के लिए काम जारी है, जो कार्यक्षमता में वृद्धि करेगी।


शिक्षा में डीसेंट्रलाइजेशन और वित्तीय सुधार

आधिकारिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण:
शिक्षा विभाग में डीसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर की योजना है, जिससे महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां दी जाएंगी। इसका उद्देश्य सुशासन और कार्यों की समयबद्धता सुनिश्चित करना है।

आर्थिक सहायता:
महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को गरीब और जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की वित्तीय शक्तियां दी जाएंगी। इससे छात्रों को उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।


महत्वपूर्ण विकास योजनाएं

सशक्त महाविद्यालय और खेल परिसर:
जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त किया जाएगा, जबकि दूरदराज के महाविद्यालयों को आवश्यक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, प्रदेश सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेगी, ताकि छात्रों को खेल के क्षेत्र में भी समान अवसर मिले।

बीएड पाठ्यक्रम का विस्तार:
प्रदेश सरकार उन महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेगी, जहां आधारभूत ढांचा मौजूद है। इस पहल से छात्रों को शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने का और अधिक अवसर मिलेगा।


नई शिक्षा नीतियां और लाइब्रेरी का विकास

लाइब्रेरी खोलने की योजना:
प्रदेश में पहले चरण में 493 लाइब्रेरी खोली जाएंगी, जिसमें 88 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह कदम छात्रों को गुणात्मक शिक्षा और नई तकनीक से अवगत कराने के लिए उठाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री का संकल्प:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक और तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करेगी।


शिक्षा क्षेत्र में सुधार और रिक्त पदों पर नियुक्तियां

टीचर्स के पदों पर नियुक्तियां:
प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में टीचर्स के करीब 15,000 पद सृजित कर चुकी है, और इन्हें चरणबद्ध तरीके से भरा जा रहा है। यह पहला मौका है जब मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग में 5800 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई है।

शिक्षा मंत्री का बयान:
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में किए गए सुधारों की सराहना की।


निष्कर्ष:

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग और परफॉर्मेंस बेस्ड ग्रांट की योजना को लागू करके शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके साथ ही राज्य में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई नई योजनाओं और सुधारों की शुरुआत की गई है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें