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HP Board / अबकी बार गणित का पेपर आउट ऑफ़ सेलेबस, आठवीं कक्षा हिंदी के बाद गणित का पेपर भी आउट ऑफ सिलेबस

हिमाचलनाउ डेस्क |
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13 दिसंबर, 2024 at 11:11 am

Himachalnow / धर्मशाला

सर्दी में परीक्षा की चुनौतियाँ:

हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इनमें तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा हो रही है। इन परीक्षाओं के दौरान छात्रों से आउट ऑफ सिलेबस (पाठ्यक्रम से बाहर के) प्रश्न पूछे जा रहे हैं, जो छात्रों और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।


आठवीं कक्षा की हिंदी और गणित की परीक्षाओं में आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न

हिंदी परीक्षा (10 दिसंबर):

8वीं कक्षा की हिंदी विषय की परीक्षा 10 दिसंबर को आयोजित की गई थी। इसमें 12 अंकों के ऐसे प्रश्न पूछे गए थे, जो पाठ्यक्रम से बाहर थे। इससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

गणित परीक्षा (गुरुवार):

इसी तरह, गुरुवार को आयोजित गणित विषय की परीक्षा में भी 20 अंक के ऐसे प्रश्न पूछे गए थे, जो हटा दिए गए पाठ्यक्रम से थे। यह दूसरी बार है जब आठवीं कक्षा की परीक्षा में पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे गए हैं।


आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों का विवरण

गणित परीक्षा में आधिकारिक पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों का विवरण निम्नलिखित है:

  • अध्यान-10 से:
    • 4 अंक: एक प्रश्न
    • 1 से 2 अंक: दो प्रश्न
    • 4 से 3 अंक: एक प्रश्न
    • 8 अंक: एक प्रश्न
  • अध्यान-16 से:
    • 3 अंक के दो प्रश्न

इसके अलावा, अध्यान-15 से 5 अंक के प्रश्न पूरी तरह से हटाए गए थे, लेकिन ये प्रश्न फिर भी परीक्षा में पूछे गए थे, जो विद्यार्थियों के लिए उलझन का कारण बने।


शिक्षक संघ की आपत्ति

इन आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों पर राजकीय अध्यापक संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न छात्रों के लिए बहुत बड़ी समस्या पैदा कर रहे हैं, और इसके कारण उनकी तैयारी भी प्रभावित हो रही है।


बोर्ड सचिव का बयान

इस संदर्भ में बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे की जानकारी मिली है। वे इस मामले की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा में पाठ्यक्रम से बाहर से आए प्रश्नों के कारण छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो। इसके लिए ग्रेस मार्क्स देने का प्रावधान किया जाएगा, ताकि प्रभावित छात्रों को उचित राहत मिल सके।


निष्कर्ष:

आठवीं कक्षा की परीक्षाओं में आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों की समस्या ने छात्रों और शिक्षकों को कठिनाइयों में डाल दिया है। उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड इस मुद्दे पर जल्द ही कदम उठाएगा और छात्रों के हित में समाधान निकालेगा।

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