हिम महोत्सव में सिरमौर की परंपराओं और लोकनृत्यों ने जीता दिल
दिल्ली हाट में हिम महोत्सव के दौरान सिरमौर के चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल ने हाटी नाटी, ठोडा नृत्य और सिंहटू नृत्य जैसे पारंपरिक लोकनृत्यों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। यह आयोजन हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने का अनूठा प्रयास है।
दिल्ली हाट में हिम महोत्सव का आयोजन
देश की राजधानी दिल्ली हाट में हिम महोत्सव का आयोजन 1 जनवरी से 15 जनवरी तक किया जा रहा है। इस महोत्सव में हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को लोकनृत्यों और लोकगीतों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। सिरमौर के चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल ने अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।
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हाटी जनजातीय क्षेत्र की विशेष प्रस्तुतियां
हाटी जनजातीय क्षेत्र के चूड़ेश्वर सांस्कृतिक मंडल, पझौता के कलाकारों ने डॉ. जोगेंद्र हाब्बी के निर्देशन में 11 से 13 जनवरी तक अपने विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इनमें महाभारत कालीन ठोडा नृत्य, रिहाल्टी गी, दीपक नृत्य, मुंजरा नाटी, परात नृत्य, रासा नृत्य, पढुंआं नृत्य, लंबड़ा नृत्य, और सिरमौर का पांच सौ साल पुराना सिंहटू नृत्य शामिल थे।
हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान
डॉ. जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि हिम महोत्सव का आयोजन उद्योग विभाग, हिमाचल क्राफ्ट, पर्यटन विभाग, और भाषा एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में किया जा रहा है। इस आयोजन ने हिमाचल की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया है।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
- 11 जनवरी की सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया।
- 13 जनवरी की सांस्कृतिक संध्या में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
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