Beti Bachao Beti Padhao : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का शुभारंभ
जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं और वह समाज हर क्षेत्र में नई बुलंदियों को हासिल करता है। यह बात स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही। यह कार्यक्रम 8 मार्च, 2025 तक चलने वाला है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रतिबद्ध राज्य सरकार
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डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और समान अवसर प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। सशक्त भारत के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बेटियों को शिक्षित और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाया जाए ताकि वे अपने जीवन से जुड़े निर्णय स्वयं ले सकें।
महिला उत्थान के लिए योजनाओं का सफल क्रियान्वयन
महिलाओं के कल्याण के लिए प्रदेश में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इंदिरा गांधी सुख-सम्मान निधि योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, महिला स्वरोजगार योजना और विधवा पुनर्विवाह योजना का प्रभावी कार्यान्वयन किया जा रहा है।
महिला संघर्षों को मंच और सम्मान
राज्य सरकार की पहल ‘धी’, ‘देना है एक इनाम बेटी के नाम’, और ‘म्हारी छोटी-म्हारी शान’ के माध्यम से जीवन में संघर्ष कर कुछ विशेष हासिल करने वाली बेटियों को मंच पर सम्मानित किया जाता है। इन योजनाओं का उद्देश्य अन्य महिलाओं को प्रेरित करना और बड़े लक्ष्यों को चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का उल्लेख
डॉ. शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहल का जिक्र करते हुए बताया कि बालिका आश्रम में बच्चियों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है। इसके तहत 6,000 निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है।
नशा मुक्ति के लिए महिलाओं से अपील
डॉ. शांडिल ने नशे के बढ़ते चलन को समाज के लिए गंभीर चुनौती बताया और महिलाओं से इस बुराई को खत्म करने के लिए आगे आने की अपील की।
कार्यक्रम की अन्य विशेषताएं
इस अवसर पर 10वीं और 12वीं की मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ‘बेटी जन्मोत्सव’ के तहत बधाई पत्र वितरित किए गए और महिला सशक्तिकरण को दर्शाती परेड का आयोजन किया गया। पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट पर सत्र आयोजित कर महिलाओं को जागरूक किया गया।
शुभारंभ और समापन
सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आशीष सिंघमार ने स्वागत किया, जबकि निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गंधर्व राठौर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए बच्चों, उनके अभिभावकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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