प्रदेश के उप मुख्य सचेतक एवं शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय देश के निजी विश्वविद्यालयों में बेहतरीन कार्य कर रहा है और इसे नवाचार और अनुसंधान के लिए जाना जाता है।
शासी निकाय की 33वीं बैठक में रखे गए विचार
केवल सिंह पठानिया शूलिनी विश्वविद्यालय की शासी निकाय की 33वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उच्चतम स्तर पर ज्ञानार्जन का श्रेष्ठतम संस्थान है और इससे अनुसंधान के क्षेत्र में अनेक आशाएं हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन कर रही है। इसके तहत कमजोर वर्गों के प्रतिभावान छात्रों को शिक्षा एवं रोजगार में मदद दी जा रही है।
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मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना पर विशेष जोर
केवल सिंह पठानिया ने बैठक में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि:
- सरकार निराश्रित बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रतिबद्ध है।
- 6000 से अधिक बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
- सरकार ने कानून बनाकर इन बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ स्टेट” का दर्जा दिया है।
- उनकी शिक्षा और अन्य खर्चे प्रदेश सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं।
शूलिनी विश्वविद्यालय की सराहना
बैठक में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. खोसला ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और अनुसंधान कार्यों की जानकारी दी।
देवदार का पौधारोपण
बैठक के उपरांत केवल सिंह पठानिया और विनोद सुल्तानपुरी ने शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रांगण में देवदार का पौधा रोपित किया।
बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील पुरी, विशाल आनंद, एस.डी. मेहता, डॉ. आशु खोसला, सतीश आनंद सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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