लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

रावी नदी को बचाने की पुकार, गंदगी की मार झेल रही रावी नदी! अगर अब नहीं जागे, तो कल बहुत देर हो जाएगी!

हिमाचलनाउ डेस्क | 4 फ़रवरी 2025 at 6:43 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

चंबा, हिमाचल प्रदेश – ऐतिहासिक चंबा शहर की जीवनरेखा रावी नदी इन दिनों गंदगी और प्रदूषण के संकट से जूझ रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ सफाई ठेकेदार और नागरिक रात के अंधेरे में नदी किनारे कूड़ा-कचरा डाल जाते हैं, जो धीरे-धीरे बहकर नदी में समा जाता है। यह न केवल पर्यावरण और जैव विविधता के लिए खतरनाक है, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

क्या कहते हैं चंबा के लोग?

रावी नदी की स्वच्छता को लेकर शहरवासियों में गहरी चिंता है। कई नागरिकों ने नगर परिषद से मांग की है कि कूड़ा निस्तारण के लिए उचित इंतजाम किए जाएं और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

“हमारी रावी नदी सिर्फ एक जल स्रोत नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की पहचान है। अगर इसे ऐसे ही गंदा किया जाता रहा तो आने वाली पीढ़ियों को हम क्या देंगे?” – एक स्थानीय निवासी

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

नगर परिषद की प्रतिक्रिया

नगर परिषद चंबा के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि जल्द ही सफाई ठेकेदारों और कर्मचारियों की बैठक बुलाई जाएगी।

“हम सफाई कर्मियों को स्पष्ट निर्देश देंगे कि नदी के किनारे किसी भी तरह का कूड़ा न फेंका जाए। इसके अलावा, जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” – संजय कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद चंबा

उन्होंने यह भी बताया कि शहर में बिखरे कचरे को हटाने के लिए एक विशेष मुहिम चलाई जाएगी। सफाई सेवकों को सुबह वार्डों में सफाई करने और दिन में हॉटस्पॉट्स से कचरा हटाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

रावी नदी का महत्व: सिर्फ पानी नहीं, जीवन है

रावी नदी सिर्फ एक जल स्रोत नहीं है, यह चंबा की सांस्कृतिक धरोहर भी है। गद्दी समुदाय और अन्य स्थानीय निवासियों की आजीविका इस नदी पर निर्भर करती है। यदि समय रहते इस प्रदूषण को नहीं रोका गया, तो नदी का जलस्तर और उसकी गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि नदी में फेंका गया प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ जलीय जीवों और मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले वर्षों में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

हम क्या कर सकते हैं?

  • नदी किनारे कूड़ा फेंकने वालों को रोकें और प्रशासन को इसकी सूचना दें।
  • कचरा प्रबंधन के लिए सरकार और नगर परिषद की योजनाओं में सहयोग करें।
  • प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे का उपयोग कम करें।
  • स्थानीय संगठनों द्वारा चलाई जा रही सफाई मुहिम में भाग लें।

आखिरी सवाल – क्या हम अपनी रावी को बचा पाएंगे?

अब यह हम सभी पर निर्भर करता है कि हम अपनी नदियों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कितने जागरूक हैं। क्या हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे, या फिर अपनी चंबा की खूबसूरती और पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाएंगे?


यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक अपील है – रावी नदी को बचाने के लिए। 🌿💙

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें