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238 वर्षीय धरोहर शमशेर विद्यालय पर मंडराया बड़ा संकट

SAPNA THAKUR | 10 दिसंबर 2021 at 4:41 pm

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वैश्विक धरोहर को तरस रहे शमशेर विद्यालय को इलाज की दरकार

HNN/ नाहन

सन 1784 इसवी में बने 238 वर्षीय पुराने राजकीय आदर्श शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को अभी तक वैश्विक धरोहर का दर्जा नहीं मिल पाया है। सिरमौर के महाराजा शमशेर प्रकाश के नाम पर बने इस विद्यालय पर इस समय जमींदोज हो जाने का खतरा भी मंडरा रहा है। यही नहीं विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे 500 से अधिक छात्र भी खतरे के साए में बैठने पर मजबूर हैं। इस हेरिटेज भवन के परकोटे छतों पर लगी सीलिंग और दीवारों का प्लास्टर भी जगह छोड़ने लग पड़ा है।

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हालांकि, इस विद्यालय के हॉल की रेनोवेशन के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा लाखों का बजट भी स्वीकार किया गया था। बावजूद इसके लोक निर्माण विभाग संबंधित ठेकेदार से कार्य भी शुरू नहीं करवा पाया है। मौजूदा समय ना केवल इस विद्यालय के मुख्य हॉल बल्कि पूरे विद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े इलाज की जरूरत आ पड़ी है। चूंकि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है इसीलिए इसके मूल रूप से कोई छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती है।

ऐसे में इस ऐतिहासिक धरोहर के लिए ना केवल एक बड़े बजट की दरकार है बल्कि एक कुशल योजना कार ही इस भवन को इसके मूल रूप में मूर्त रूप दे सकता है। बताना जरूरी है कि शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नाहन शहर के ठीक बीचोबीच चौगान मैदान के साथ बनी है। सन 1784 इसवी में बने इस शिक्षा के मंदिर से दर्जनों ऐसी विभूतियां शिक्षा ग्रहण कर चुकी है जिनका प्रदेश निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इस विद्यालय ने देश को 7 स्वतंत्रता सेनानी, 13 आईएएस, 5 आईपीएस, तीन लेफ्टिनेंट जनरल सहित गवर्नर तथा सीबीआई के निदेशक रहे अश्विनी कुमार भी दिए हैं। मौजूदा समय इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय का दर्जा नहीं मिला है। बावजूद इसके विद्यालय के हालात बड़े ही खस्ता दौर से गुजर रहे हैं। इस विद्यालय के कमरों के दरवाजे खिड़कियों में लगे जालियां आदि बुरी तरह से टूटे-फूटे पड़े हैं।

मौजूदा समय इस धरोहर की हालत देखकर यह एक खंडहर में कब तब्दील हो जाए कहा नहीं जा सकता। वही इस विद्यालय के प्रिंसिपल मान सिंह ठाकुर ने भी माना कि विद्यालय के भवन की हालत काफी खस्ता है। उन्होंने बताया कि शमशेर विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए एक बड़े बजट की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के हॉल के लिए जो पैसा स्वीकृत हुआ था वह लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया था। 2 साल बीत गए हैं मगर अभी तक हॉल की रिपेयरिंग का कार्य ठेकेदार के द्वारा शुरू नहीं किया गया है।

वही, उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग जिला सिरमौर करमचंद कहना है कि विद्यालय के भवनों की रिपेयरिंग और अन्य टूट-फूट आदि का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस धरोहर को उसके मूल रूप के साथ फिर से सुधारने को लेकर सरकार व प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।

वही, उपायुक्त जिला सिरमौर आरके गौतम ने कहा कि विद्यालय को धरोहर में शामिल करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। यही नहीं विद्यालय के मूल रूप को उसी रूप में सजोने के लिए हर प्रयास अमल में लाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक अमूल्य धरोहर है इसके जीर्णोद्धार हेतु जितने भी बजट की दरकार होगी उसके लिए एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार से बजट की मांग रखी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय के सौंदर्य करण को लेकर भी योजना तैयार की जाएगी।

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