सिरमौर सहित प्रदेश के 900 से अधिक पीस मील कर्मचारी टूल डाउन हड़ताल पर
HNN / नाहन
एक और जहां हिमाचल प्रदेश एचआरटीसी के पीस मील कर्मचारियों की टूल डाउन हड़ताल पांचवें दिन में प्रवेश कर गई है। तो वही सरकार की ओर से एक बड़ी राहत भरी खबर भी आई है। हिमाचल प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने 1 सप्ताह के भीतर सभी पीस मील वर्कर्स को अनुबंध पॉलिसी में लाने का आश्वासन दिया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कुछ तकनीकी खामियां समस्या हल करने के आड़े आ रही हैं। मगर परिवहन मंत्री ने कहा कि उनका समाधान जल्द कर दिया जाएगा। उद्योग एवं परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है, निश्चित रूप से पीस मील कर्मचारियों को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है।
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उन्होंने कहा कि निश्चित ही 1 सप्ताह के भीतर सभी पीस मील कर्मचारियों को अनुबंध पॉलिसी के तहत लाया जाएगा। वही, आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 925 पीस मील कर्मचारी हैं। ऐसा नहीं है कि इन कर्मचारियों को अनुबंध में लाने के लिए सरकार को पहली बार कोई निर्णय लेना होगा बल्कि इससे पहले वर्ष 2017 से पहले 128 वी बीओडी की बैठक में 410 पीस मील कर्मी अनुबंध में लाए गए थे और यह अनुबंध कर्मी आज रेगुलर भी हो चुके हैं। बावजूद इसके प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा पिछले लंबे समय से इन्हें केवल कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं।
हालांकि हाल ही में प्रबंधन और सरकार के साथ पीटरहॉफ शिमला में पीस मील कर्मियों के साथ एक बैठक भी हो चुकी है। जिसमें इन्हें यह सुनिश्चित किया गया था कि जल्द ही उनको अनुबंध पॉलिसी में लाया जाएगा। बावजूद इसके यह कर्मचारी अभी भी ना उम्मीद नजर आ रहे हैं। जिला सिरमौर पीस मील कर्मचारी मंच सहित पूरे प्रदेश के 28 डिपो फिलहाल टूल डाउन स्ट्राइक पर चल रहे हैं। जिला सिरमौर 30 मील कर्मचारी मंच के अध्यक्ष जगदीश चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कर्मचारी हितैषी माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके सरकार का ध्यान हमारी और नहीं जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में 5- 6 हजार रुपए में गुजर-बसर करना अब नामुमकिन हो गया है। जगदीश चंद का कहना है कि एचआरटीसी में जहां पहले हजार पंद्रह सौ के आसपास भी ऐसे ही बसें हुआ करती थी आज यह बेड़ा 3500 से ऊपर बसें बेड़े में शामिल है। मगर अभी तक ना तो एचआरटीसी में नई भर्तियां की गई है और ना ही पीस मील कर्मियों को अनुबंध में लाया गया है। गौरतलब हो कि पीस मील कर्मचारी एचआरटीसी के इस बड़े परिवहन बेड़े की रीड की हड्डी माना जाता है। गाड़ियों की पासिंग हो, टायर पंचर से लेकर के बस के तमाम तकनीकी कार्यों का सारा दारोमदार इन के कंधों पर होता है। अब आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि बस का एक टायर पंचर लगाने की एवज में इन्हें केवल 15 रुपये ही दिए जाते हैं।
जबकि खुले बाजार में बस का पंचर लगाने के 150 रुपए एक बार में लिए जाते हैं। इसी प्रकार हर तकनीकी कार्य को पांच-10 में बांटा गया है और इसमें बर्दाश्त की इंतिहा तो यह भी है कि कई बार जब वर्कशॉप में बस ही नहीं आती तो उस दिन इनकी जेब में 1 रुपए भी नहीं जाता है। ऐसे में महंगाई के इस दौर में जिन परिस्थितियों से यह कर्मचारी गुजर रहे हैं उससे तो निश्चित ही सरकार की जवाबदेही तो सुनिश्चित होती ही है। पांचवें दिन तक चल रही इस टूल डाउन स्ट्राइक के बारे में उप प्रधान संदीप ठाकुर ने बताया कि जब तक उन्हें अनुबंध के तहत नहीं लाया जाएगा, टूल डाउन हड़ताल को जारी रखा जाएगा।
टूल डाउन स्ट्राइक में मुख्य रूप से अंकित ठाकुर, पवन कुमार, मनीष कुमार, अशोक कुमार, राकेश, चंचल, सुनील, कपिल शर्मा, पवन, अतुल, रमन, कमल, नरेश, अजय सहित दर्जनों कर्मचारी उपस्थित रहे। वही, हेड मैकेनिक दल गंजन ठाकुर ने बताया कि अभी तो जैसे कैसे कार्य चल रहा है मगर दो-चार दिनों के बाद बसों को चलाना मुश्किल हो जाएगा।
उधर परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि कुछ तकनीकी कमियों के चलते पीस मिल कर्मियों को अनुबंध में लाने की दिक्कत आ रही है। मगर अब अधिकारियों को जल्द तमाम तकनीकी खामियों को दूर करने के आदेश दे दिए गए हैं। 1 सप्ताह के भीतर सभी पीस मील कर्मियों को अनुबंध पॉलिसी में शामिल कर लिया जाएगा।
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