राज्य में बढ़ते जलवायु संकट और बारिश से हो रही तबाही पर मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
शिमला
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटना अब एक बड़ी चुनौती : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू
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आपदा प्रबंधन की 9वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए कई निर्देश
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे और आपदाओं की आवृत्ति ने राज्य के सामने गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने बताया कि बीते समय में बादल फटने की 19 घटनाएं हुईं, जिनमें भारी जान-माल का नुकसान हुआ।
असामान्य बारिश और भारी तबाही
मुख्यमंत्री ने मंडी जिले में 123% और शिमला में 105% अधिक वर्षा का हवाला देते हुए बताया कि अत्यधिक वर्षा से भारी तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने अवैज्ञानिक ढंग से मलबा दबाने की प्रथा पर चिंता जताई और वैज्ञानिक प्रणाली अपनाने की जरूरत बताई।
मौसम अलर्ट और सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं से सावधान
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मौसम अलर्ट जारी करने के लिए केवल एसडीएमए ही अधिकृत है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें। साथ ही सभी को नदियों और नालों से कम से कम 100 मीटर दूर घर बनाने की सलाह दी।
एसडीआरएफ को सशक्त करने की योजना और जोखिम न्यूनीकरण प्रयास
सरकार पालमपुर में एसडीआरएफ का नया परिसर बना रही है। शिमला में आपदा प्रबंधन संस्थान और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सहयोग से अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में अब आपदाएं सामान्य हो गई हैं, और 2023 में हुए भारी नुकसान के बाद 1260 करोड़ रुपये राहत कार्यों के लिए दिए गए। इसके अतिरिक्त 138 करोड़ रुपये न्यूनीकरण कोष के तहत दिए गए हैं।
2030 तक पूरी होगी 891 करोड़ की आपदा जोखिम न्यूनीकरण परियोजना
सरकार 891 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम कर रही है, जो आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सशक्त बनाएगी। इसमें पूर्व चेतावनी प्रणाली और जोखिम कम करने के लिए जरूरी ढांचागत सुधार भी शामिल हैं। सभी सरकारी योजनाएं जलधाराओं से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर लागू करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में शामिल रहे कई वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, सचिव एम. सुधा देवी, डॉ. अभिषेक जैन, एडीजीपी सतवंत अटवाल, विशेष सचिव डी.सी. राणा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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