Himachalnow / नाहन
हिमाचल के इस जिले में 6 लाख लोगों के हार्ट का नहीं कोई रखवाला ,हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले , जहां करीब 6 लाख लोग रहते हैं, में हार्ट सर्जन और कार्डियोलॉजी विभाग जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। नाहन मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद, कैथ लैब की गैरमौजूदगी के कारण मरीजों को चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे बाहरी राज्यों में महंगे इलाज के लिए जाना पड़ता है। लगातार सरकारों द्वारा किए गए वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं, जिससे मरीज और उनके परिवार निराश हैं।
सिरमौर के लोगों की जान रामभरोसे
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में करीब 6 लाख लोग हार्ट सर्जन और कार्डियोलॉजी सुविधाओं के अभाव में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बाहरी राज्यों पर निर्भर हैं। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन जैसे बड़े संस्थान में भी कैथ लैब और कार्डियोलॉजी विभाग नहीं है। मरीजों को इलाज के लिए चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड और शिमला जैसे स्थानों पर भारी खर्च कर जाना पड़ता है।
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कैथ लैब और कार्डियोलॉजी विभाग क्यों नहीं शुरू हुआ?
2016 में नाहन में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई थी। नियमों के मुताबिक तीन वर्षों के भीतर कार्डियोलॉजी विभाग और कैथ लैब स्थापित होनी चाहिए थी, लेकिन 8-9 साल बीतने के बाद भी यह संभव नहीं हो सका। मेडिकल कॉलेज प्रशासन जगह की कमी को इसकी वजह बताता है।
कैथ लैब की अहमियत
कैथ लैब हार्ट की बीमारियों की जांच और इलाज का केंद्र होती है। इसमें एंजियोग्राफी, टीएमटी, और अन्य विशेष जांच व उपचार किए जाते हैं। कैथ लैब में कार्डियोलॉजिस्ट, फिजियोलॉजिस्ट, रेडियोग्राफर और नर्स जैसी विशेषज्ञ टीम होती है। नाहन में ऐसी सुविधा के अभाव में मरीजों को बाहरी राज्यों में इलाज के लिए जाना पड़ता है।
घोषणाओं तक सीमित रहीं सरकारें
2019 के बजट सत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाहन मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की घोषणा की थी। इसके बाद 2022 में फिर से यह वादा किया गया। बावजूद इसके, भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई। वर्तमान में सुक्खू सरकार के दो साल बीतने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मरीजों और उनके परिवार की परेशानियां
- पच्छाद के रतन सिंह पुंडीर: उनके बेटे राजन पुंडीर ने बताया कि हार्ट सर्जन न होने के कारण वह पिछले 15 वर्षों से अपने पिता का इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में करवा रहे हैं।
- नाहन की सीता देवी: उन्होंने पहले दिल्ली एम्स में एंजियोप्लास्टी करवाई थी और अब लखनऊ में इलाज करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि नाहन में हार्ट सर्जन और कैथ लैब होती, तो बाहरी राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
अधिकारियों का पक्ष
मेडिकल कॉलेज नाहन के एसएस डॉ. अमिताभ जैन ने बताया कि जगह की कमी के कारण कैथ लैब और कार्डियोलॉजी विभाग शुरू नहीं हो सका है। जगह उपलब्ध होने के बाद इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे।
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