चिखर स्कूल में सर्वाधिक रही 72 प्रतिशत बच्चो की हाजरी
HNN / शिमला
करीब पांच माह के अंतराल के उपरांत स्कूलों में रौनक लौटनी शुरू हो गई है। स्कूल खुलने पर जहां बच्चों के चेहरे पर एक अनोखी मुस्कराहट थी वहीं पर अभिभावकों ने भी राहत भरी सांस ली। मशोबरा ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों से संपर्क करने पर मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों में प्रथम दिन करीब 50 प्रतिशत बच्चें ही पहुंचे। जबकि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चिखर में बच्चों की उपस्थिति 72 प्रतिशत रही। सभी स्कूलों में सरकार द्वारा जारी एसओपी की अनुपालना की जा रही है।
सरकार के निर्देशानुसार सोमवार से बुधवार तक दसवी और जमा दो तथा वीरवार से शनिवार तक नवीं और जमा एक की कक्षाएं लगाई जाएगी। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुन्गा की प्रिंसीपल अनिता पठानिया ने बताया कि पाठशाला के क्लास रूम को दिन में दो बार सेनेटाईज किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त बच्चों को हिदायत दी गई है कि वह भोजन व पानी अपने साथ लाएं। इसी प्रकार वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चियोग के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि स्कूल खुलने के प्रथम दिन करीब 50 प्रतिशत बच्चे उपस्थित हुए।
उन्होंने बताया कि स्कूल में बच्चों की सुविधा के लिए टोमेटिक सेनेटाईजेर मशीन लगाई गई है और बच्चों के स्कूल पहुंचने पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी प्रकार चिखर स्कूल के प्रिंसीपल राकेश सरमेट ने बताया कि स्कूल में 72 प्रतिशत बच्चे आएं हैं। जिन बच्चों के पास मास्क इत्यादि नहीं है उन्हें स्कूल से ही उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उधर, कोटी स्कूल के प्रिंसीपल बनवारी लाल ने बताया कि स्कूलों में एसओपी के साथ शिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया है।
इसी प्रकार डुब्लु, पीरन, जुग्गर, धरेच इत्यादि स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 50 प्रतिशत रही।अभिभावकों से हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास लगाने के बहाने बच्चे मोबाईल फोन पर चैटिंग करने के आदि बन चुके है और पूरा दिन मोबाईल पर गेम इत्यादि खेलते रहते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई एक मात्र औपचारिकता थी और कोरोनाकाल में बच्चों का भविष्य अंधकारकारमय बन चुका है। बच्चे किताबें खोलकर ऑनलाइन परीक्षाएं दे रहे थे जिसका उनके जीवन में कोई लाभ होने वाला नहीं है।