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सिरमौर में शराब फैक्ट्री को लीज पर दिलाने आया था सागर सैनी

Published BySAPNA THAKUR Date Jan 23, 2022

HNN/ नाहन

मंडी जिला के सुंदर नगर सलापड में हुए जहरीली शराब कांड में प्रदेश सरकार ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। ऑर्गेनाइज्ड क्राईम पर पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू की टीम ने 72 घंटों के भीतर ही प्रदेश की सीमाएं लांघते हुए मुजरिम को धर दबोचा है। वही बीते कल महानिदेशक के द्वारा किए गए खुलासे में किंगपिन के अलावा एक और बड़े नाम का खुलासा किया गया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि हमीरपुर जिला में जिस जगह यह अवैध शराब बनाई जा रही थी उसकी स्प्रिट की सप्लाई सागर सैनी किया करता था।

महानिदेशक ने यह भी बताया था कि करीब 25 ड्रम ई एन ए के सागर सैनी ने दिए थे। अब आप यह जानकर चौक जायेंगे कि सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र के एक शराब प्लांट को लीज पर दिलाने के लिए सागर सैनी दिल्ली के ही एक व्यक्ति ओंकार नाथ पांडे के साथ नाहन स्थित राज्य कर एवं आबकारी विभाग के कार्यालय में आया था। सूत्रों के अनुसार ओंकार नाथ पांडे ने सागर को अपना कंसलटेंट इंट्रोड्यूस किया था।

मगर जो जानकारी हमें सूत्रों से मिली है उसके अनुसार इस फैक्ट्री को चलाने में सारा पैसा सागर और उसके कुछ सहयोगियों ने लगाना था। यहां सबसे अच्छी बात तो यह रही कि ना तो फैक्ट्री के मालिक ने टोकन मनी पकड़ी और ना ही विभाग की ओर से किसी प्रकार का फेवर दिया गया। लीज की पूरी पेपर फॉर्मेलिटीज करने के बाद मामला शिमला भी भेजा गया। जानकारी के अनुसार यह लीज 8 लाख रुपया प्रति महीना के हिसाब से तय हुई थी। यही नहीं ओंकार नाथ पांडे टोकन मनी भी देना चाह रहा था।

मगर फैक्ट्री मालिक के द्वारा इसके लिए इंकार कर दिया गया था। सवाल यह उठता है कि एक ऑर्गेनाइज क्राइम की मुख्य कड़ी सागर धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में अपना नेटवर्क फैला रहा था। जिसमें सिरमौर बाल-बाल बच गया। मगर यहां सबसे बड़ी बात यह है कि जिला सिरमौर में ना केवल कई शराब फैक्ट्रियां हैं बल्कि फार्मा उद्योग भी बड़े स्तर पर लगे हुए हैं।

जहां पर सैनिटाइजर बनाने में इथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल होता है। यहां हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि ई एन ए स्प्रिट शराब में इस्तेमाल होती है। इसमें दो तरह की अल्कोहल होती है एक एथिल अल्कोहल और दूसरी मिथाइल अल्कोहल। इथाइल अल्कोहल ही सिर्फ शराब बनाने में इस्तेमाल होती है जबकि मिथाइल बिल्कुल नहीं।

शराब में अगर मिथाइल की मात्रा आ जाती है तो इससे या मौत हो जाती है या फिर आंखों की रोशनी चली जाती है। देखना यह भी होगा कि क्या सागर के द्वारा जिला में कहीं और इ एन ए सप्लाई तो नहीं किया गया था। सवाल तो यह भी उठता है कि जिस व्यक्ति की फितरत में क्राइम करना ही लिखा हो वह लाइसेंस लेकर भी क्राइम ही करता है।

बरहाल प्रदेश पुलिस की जांच में अभी तक ओंकार नाथ पांडे के सागर के साथ क्या संबंध है यह मालूम नहीं चल पाया है। मगर इतना तो तय है कि इस ऑर्गेनाइज्ड क्राईम में ना जाने और कितनी बड़ी मछलियां शामिल हो सकती हैं।

उधर, उपायुक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग जिला सिरमौर प्रितपाल सिंह ने बताया कि सिरमौर के एक शराब प्लांट को लीज पर लेने के लिए आवेदन आया था।

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