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सिरमौर दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र केंद्र कि जल्द होगी 20 हजार लीटर कैपेसिटी

Shailesh Saini |
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29 नवंबर, 2024 at 2:22 pm

Himachalnow / नाहन

सरकार द्वारा दूध के खरीद रेट बढ़ाए जाने के बाद सिरमौर में आ रही है श्वेत क्रांति

प्रदेश सरकार द्वारा दूध खरीद के रेट बढ़ाए जाने के बाद सिरमौर में आ रही है श्वेत क्रांतिप्रदेश सरकार की हिमगंगा योजना में अब जिला सिरमौर भी अगले पायदान में कदम रखने जा रहा है। जिला सिरमौर के नाहन कांशी वाला स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र को जल्द ही विस्तार दे दिया जाएगा।

मौजूदा समय जहां इस संयंत्र की दुग्ध कैपेसिटी 5000 लीटर की है वही जल्द इसको 20000 लीटर कैपेसिटी के अनुरूप बना दिया जाएगा।बड़ी बात तो यह है कि संयंत्र की क्षमता बढ़ाने को लेकर लोक निर्माण विभाग को निर्माण के साथ तकनीकी विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण भी कर लिया है।

बहुत जल्द इसका निर्माण कार्य भी शुरू किए जाने की उम्मीद है।विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार संयंत्र की क्षमता को बढाई जाने का कार्य हिमगंगा योजना के तहत किया जाएगा।बताना जरूरी है कि प्रदेश सरकार के द्वारा दूध के रेट बढ़ाए जाने के बाद किसानों कि दुग्ध उत्पादन में रुचि भी बढ़ गई है।

इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां जिला में मिल्क फेड के द्वारा दूध की कुल कलेक्शन 3000 लीटर के आसपास रहती थी वहीं अब कलेक्शन का आंकड़ा 5000 लीटर प्रति दिन से ऊपर जा चुका है।

बड़ी बात तो यह है कि जहां पहले किसानों को भैंस के दूध की कीमत 40 से 45 रुपए ही मिल पाती थी वहीं अब उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले दूध की कीमत 70 से 75 रुपए प्रति किलो मिल रही है।

गाय के दूध की बात की जाए तो पहले इसका रेट 28 से 30 रुपए प्रति लीटर था जबकि अब इसकी कीमत 45 से ₹50 प्रति लीटर किसानों को मिल रही है।समय पर हो रहे दुग्ध के भुगतान और बड़े हुए रैटों के चलते जिला के किसान दुग्ध उत्पादन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

इसके साथ-साथ मिल्क फैट जिला सिरमौर के द्वारा बच्चों में कोल्ड ड्रिंक की जगह दूध के महत्व को बताते हुए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। मिल्क डे पर मिल्क फेड के तकनीकी अधीक्षक देवांश जायसवाल की अध्यक्षता में अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं में श्वेत क्रांति पर पेंटिंग और क्विज कंपटीशन आयोजित किया गया था।

आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को दूध और उसके उत्पादों के महत्व से रूबरू कराना था।बरहाल अब यदि जिला सिरमौर के मुख्य दुग्ध परम संस्करण संयंत्र की कैपेसिटी 20000 लीटर की हो जाती है तो निश्चित ही यह जिला के किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

दूध कैपेसिटी के बढ़ जाने के बाद इस संयंत्र में दूध के अलावा दूध से बनाए जाने वाले अन्य उत्पादों का भी उत्पादन शुरू किए जाने की योजना बनाई गई है। जिसके बाद देश और प्रदेश के लोग सिरमौर में बनी हुई खीर ,मक्खन घी सहित फ्लेवरेट दूध का स्वाद भी चख पाएंगे।खबर की पुष्टि जिला सिरमौर मिल्क फैड तकनीकी अधीक्षक देवांश जायसवाल के द्वारा की गई है।

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