लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को, पितृपक्ष की शुरुआत संग, राशियों और धार्मिक कार्यों पर पड़ेगा असर

हिमांचलनाउ डेस्क नाहन | 6 सितंबर 2025 at 1:30 am

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

7 सितंबर की रात को साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। इसी दिन पितृपक्ष की शुरुआत होगी, जिसके कारण यह दिन ज्योतिष और धर्म दोनों दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। भारत में दिखाई देने वाले इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा।

ग्रहण का समय और वैज्ञानिक महत्व
ग्रहण की शुरुआत रात 9:58 बजे होगी और इसका समापन 1:26 बजे होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में साफ दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के अनुसार यह दृश्य ‘ब्लड मून’ के रूप में दिखेगा क्योंकि चंद्रमा पर केवल लाल रंग की किरणें परावर्तित होंगी।

सूतक काल और धार्मिक मान्यता
ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल आरंभ हो जाएगा। इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन निर्माण और किसी भी शुभ कार्य की अनुमति नहीं होती। मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और ग्रहण समाप्ति के बाद ही धार्मिक अनुष्ठान पुनः शुरू किए जाते हैं।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

पितृपक्ष की शुरुआत और महत्व
7 सितंबर से पितृपक्ष आरंभ होगा, जो 21 सितंबर तक चलेगा। इस अवधि में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र और ताम्रपात्र का दान श्रेष्ठ माना गया है, जिससे पितृदोष से मुक्ति और परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषीय असर और राशियों पर प्रभाव
यह ग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है, जिससे कुछ राशियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। कर्क राशि वालों को मानसिक अस्थिरता और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी। कन्या राशि के जातकों को कार्य और आर्थिक मामलों में सावधानी रखनी होगी। कुंभ राशि पर ग्रहण सीधा प्रभाव डालेगा, जिससे संबंधों और स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है। मीन राशि में आर्थिक खर्च और नुकसान की संभावना रहेगी।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें


[web_stories title="false" view="grid", circle_size="20", number_of_stories= "7"]