एनआईटी हमीरपुर से बीटेक करने के बाद उन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी को ठुकराया और सेना को चुना। उनकी इस उपलब्धि से उनके परिवार, गांव और पूरे संगड़ाह क्षेत्र में खुशी की लहर है।
संगड़ाह
पिता की राह पर चलकर बेटे ने हासिल किया गौरव
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संगड़ाह उपमंडल के लाना पालर गांव के जितेंद्र शर्मा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनके पिता रामलाल शर्मा सेना से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हैं और मां शीला शर्मा गृहिणी हैं। बेटे की इस उपलब्धि से पूरा परिवार गौरवान्वित है और क्षेत्र में भी हर्ष का माहौल है।
एनआईटी से बीटेक के बाद चुनी देश सेवा की राह
जितेंद्र ने वर्ष 2024 में एनआईटी हमीरपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी। उनका चयन सेना और एक मल्टीनेशनल कंपनी दोनों में हुआ था, लेकिन उन्होंने देश सेवा को प्राथमिकता दी। यह निर्णय उन्होंने अपने फौजी पिता की प्रेरणा से लिया।
आईएमए देहरादून से प्रशिक्षण लेकर बने लेफ्टिनेंट
आईएमए देहरादून से सख्त सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने 14 जून 2025 को 3 गोरखा राइफल्स में लेफ्टिनेंट पद ग्रहण किया। जितेंद्र शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं और कोरोना काल में निबंध प्रतियोगिता में जिला व प्रदेश स्तर पर प्रथम रहे थे। उन्होंने एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी जीती थी।
पूरा क्षेत्र गौरवांवित, सोशल मीडिया पर भी मिल रही बधाई
जितेंद्र के सेना में चयन पर सोशल मीडिया पर भी उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं। उनके भाई भूपेंद्र शर्मा हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और बहन डॉ. रुचि शर्मा वेटरनरी असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। यह उपलब्धि पूरे संगड़ाह क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
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