HNN/ पांवटा
जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब में धान की फसल का कद छोटा होने और फसल के पीले होने की समस्या ने किसानों की नींद उड़ा रखी है। एसआरबीएसडीवी नामक इस चीनी वायरस से अब तक किसानों की अलग-अलग हिस्सों में 20-50 फीसदी फसल को नुक्सान पहुंचा है। इस वायरस की चपेट में आने से धान की फसल तबाह हो रही है जिसे देखकर किसान खासे चिंतित हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वायरस को डब्ल्यूबीपीएच यानी एक सफेद पीठ वाला टिड्डा अपने साथ लेकर फसलों में तेजी से फैल रहा है। इससे संक्रमित पौधे संकरी खड़ी पत्तियों से बौने हो गए है, जिससे पौधों की जड़ें और अंकुर दोनों बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। गंभीर रूप से संक्रमित धान के खेतों में, संक्रमित पौधे मुरझा रहे है।
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पांवटा साहिब वैली की मटक माजरी, बहराल, पुरूवाला, कुंडियों, जामनीवाला, मिश्रवाला, माजरा, फतेहपुर, नवादा और खोड़ोंवाला पंचायतों के कई गांवों में इस वायरस की चपेट में आने से धान की फसल खराब हो रही है। बता दें, सिरमौर में 7,000 हेक्टेयर भूमि में धान की पैदावार होती है।
उधर, कृषि उपनिदेशक सिरमौर डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि धान वायरस की चपेट में आई है। किसानों को नियमित रूप से डब्ल्यूबीपीएच कम करने के लिए फसल की निगरानी के साथ कुछ पौधों को थोड़ा झुकाकर साप्ताहिक अंतराल पर 2-3 बार टैप करना चाहिए। यदि डब्ल्यूबीपीएच लिम्फ वयस्क पानी पर तैरते हुए दिखाई दें तो कीटनाशकों का छिड़काव करें।
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