HNN / कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में इस माह जहां पशुओं में लंबी त्वचा रोग कहर मचा रहा है। तो वहीं, अब प्रदेश में एक और बीमारी ने दस्तक दे दी है। यह ग्लैंडर्स नामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से घोड़ों में पाई जाती है। इतना ही नहीं यह गधों, बकरियों, कुत्तों और बिल्लियों को भी प्रभावित करती है। प्रदेश के जिला कुल्लू में यह मामला सामने आया है। इस बीमारी का अभी तक कोई उपचार नहीं है।
राज्य सरकार ने मंगलवार को घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी के खतरे को देखते हुए इसे अनुसूचित रोग के रूप में अधिसूचित किया है। कुल्लू में एक घोड़े के खून के नमूने की जांच के बाद रोग के लक्षण पाए गए हैं। यह नमूने हिसार की लैब में भेजे गए थे और वहां से रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ग्लैंडर्स रोग से घोड़े के शरीर पर गांठें बनती हैं। इसके बाद घोड़े की मौत हो जाती है।
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ग्लैंडर्स रोग किस कारण से होता है?
ग्लैंडर्स एक संक्रामक रोग है जो बर्कहोल्डरिया मल्लेई जीवाणु के कारण होता है। ग्लैंडर्स मुख्य रूप से घोड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी है, लेकिन यह गधों, खच्चरों, बकरियों, कुत्तों और बिल्लियों को भी प्रभावित करती है।
ग्लैंडर्स से कैसे बचें
वर्तमान में, ग्लैंडर्स के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। जिन देशों में पशुओं में ग्रंथियाँ स्थानिक होती हैं, वहाँ मनुष्यों में रोग की रोकथाम में पशुओं की आबादी में संक्रमण की पहचान और उन्मूलन शामिल है।
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