10 फ़ीसदी पदाधिकारियों समेत विधायक भी रहे प्रशिक्षण से नदारद
HNN / नाहन
प्रदेश के उप चुनाव में चारों सीटें जीतने के बावजूद प्रदेश में कांग्रेस का कुनबा पूरी तरह से बिखरा हुआ नजर आ रहा है। मिशन 2022 को लेकर सिरमौर के त्रिलोकपुर में आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गया है। नेशनल कोऑर्डिनेटर सचिन रॉय की उपस्थिति में कैडर बिल्डिंग के इस कार्यक्रम में 10 फ़ीसदी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी शामिल नहीं हो पाए। हैरानी तो इस बात की है कि जहां कार्यकर्ताओं को दिग्गजों और विधायकों से बहुत कुछ सीखने को मिला था वहां एक भी विधायक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाया।
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हालांकि हर्षवर्धन चौहान तथा पूर्व मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे ठाकुर कौल सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने तो अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, मगर सिरमौर से ताल्लुक रखने वाले विधायक विनय कुमार भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए। इसके अलावा कांग्रेस में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, विधायक जगत सिंह, विक्रमादित्य, अनिरुद्ध सिंह तथा अभी हाल ही में बने विधायक संजय अवस्थी भी इस राज्य स्तरीय कैडर बिल्डिंग कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए। सूत्रों की अगर मानें तो जल्द ही कांग्रेस में भी बड़े परिवर्तन की अटकलें तेज हो रही है।
मौजूदा प्रदेश नेतृत्व की अगर बात की जाए तो 2022 के लिए संगठन काफी कमजोर नजर आ रहा है। तो वही उपचुनाव में हार से नसीहत लेते हुए प्रदेश भाजपा पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल करने के लिए दमदार परफॉर्मेंस पर आ चुकी है। ऐसा नहीं है कि गुटबाजी केवल कांग्रेस में ही है जबकि भाजपा की गुटबाजी भी काफी प्रखर है। बावजूद इसके 2022 की चुनौती को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित मुख्यमंत्री ने भी अपनी रणनीतियों में भारी बदलाव लाए हैं। ऐसे में जिला सिरमौर में आयोजित हुए कांग्रेस के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाजपा की नजरें भी गड़ी हुई थी।
बावजूद इसके राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कांग्रेस भी खरी नहीं उतर पाई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधायकों सहित प्रमुख पदाधिकारियों आदि का नदारद रहना प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया है। सिरमौर में जिला कांग्रेस आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। जबकि प्रदेश में सिरमौर वह जिला है जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और भाजपा में चाणक्य माने जाने वाले डॉ राजीव बिंदल भी शामिल है। यही नहीं प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री भी इसी जिला से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में बिखरी हुई स्थिति में चल रही जिला सिरमौर कांग्रेस 2022 के लिए पांचों सीटों पर बैकफुट नजर आ रही है।
हालांकि श्री रेणुका जी और शिलाई सीट कांग्रेस की मजबूत सीट मानी जाती है। तो वही नाहन सीट को लेकर एक ऐसा व्यक्ति भी टिकट की दौड़ में शामिल है जिस पर पूर्व विधानसभा चुनाव में भितर घात करने के आरोप लगे थे। बरहाल सिरमौर में कांग्रेस का 2022 के लिए फर्स्ट इंप्रेशन ही बेड इंप्रेशन साबित हुआ है। ऐसे में समय रहते कांग्रेस यदि एकजुट होने में नाकाम रही तो निश्चित ही प्रदेश की राजनीति में यह पहला अवसर होगा कि भाजपा सरकार रिपीट कर सकती है। उधर एआईसीसी नेशनल कोऑर्डिनेटर सचिन रॉय ने कहा कि इस विषय पर आप प्रदेश अध्यक्ष से ही बात करें।
उधर जब प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को कई बार उनके नंबर पर कॉल किया गया तो वह फोन नहीं उठा सके। वही हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है। कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया था। प्रदेश अध्यक्ष सहित प्रमुख कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कांग्रेस में कहीं भी गुटबाजी नहीं है।
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