रिकांग पिओ
स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध, बागवानी व कृषि को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर की उप-तहसील टापरी में आयोजित पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने मेले की मेला कमेटी को 3 लाख रुपये देने और स्थाई मंच निर्माण की घोषणा की।
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संस्कृति संरक्षण में मेले और त्यौहारों की भूमिका
राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल की संस्कृति को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किन्नौर अपनी विशिष्ट वेशभूषा, खानपान और परंपराओं के लिए जाना जाता है। कठिन जीवनशैली के बावजूद यहां के लोग अपनी संस्कृति से गहराई से जुड़े हैं और मेलों के माध्यम से यह विरासत अगली पीढ़ियों तक पहुंच रही है।
भाईचारे और मनोरंजन का माध्यम हैं मेले
उन्होंने कहा कि जनजातीय जिलों में भौगोलिक कठिनाइयों के चलते मेले आपसी भाईचारे को बढ़ाने और मानसिक तनाव दूर करने का प्रमुख साधन हैं। इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर होता रहना चाहिए।
बागवानी और कृषि को मिलेगी मजबूती
बागवानी मंत्री ने बताया कि राज्य और किन्नौर जिले में बागवानी व कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोगशालाएं और सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। पूह उपमंडल में सब्जी मंडी निर्माण की घोषणा भी की गई।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
समारोह में एसडीएम निचार नारायण सिंह चौहान, किनफेड अध्यक्ष चंद्र गोपाल, जनजातीय सलाहकार परिषद सदस्य डॉ. सूर्या बोरस, जिला परिषद सदस्य हितेष नेगी, कांग्रेस पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी और ग्राम पंचायतों के प्रधान उपस्थित रहे।
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