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हिमाचल के कॉलेज प्राध्यापकों को अब मोबाइल एप से ही हाजिरी लगानी होगी जियोफेंस सिस्टम पर उठे सवालों पर विभाग ने दी सफाई

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हिमाचल प्रदेश में कॉलेज प्राध्यापकों के लिए मोबाइल एप से ही हाजिरी लगानी अनिवार्य कर दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जियोफेंस आधारित बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पर उठे सवालों को लेकर विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया है।

शिमला

मोबाइल एप से ही दर्ज होगी उपस्थिति, सहकर्मी के फोन से भी लॉगिन की सुविधा
निदेशालय ने बताया कि यदि किसी प्राध्यापक का मोबाइल एप के लिए मान्य न हो, खो जाए या उपलब्ध न हो, तो वह सहकर्मी के फोन पर अपनी हिम एक्सेस आईडी से लॉगिन कर हाजिरी दर्ज कर सकता है।

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निजता सुरक्षित रहेगी, डेटा स्टेट डाटा सेंटर में संरक्षित
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि प्राध्यापकों की बायोमैट्रिक पहचान आधार प्रमाणीकरण से की जाएगी और संपूर्ण रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश स्टेट डाटा सेंटर में सुरक्षित रहेगा। निजी जानकारी के दुरुपयोग की कोई आशंका नहीं है।

प्राध्यापक संघ के विरोध पर विस्तृत जवाब
राजकीय प्राध्यापक संघ द्वारा उठाई गई शंकाओं का जवाब देते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी एवं गवर्नेंस विभाग ने स्पष्ट किया कि यह प्रणाली आधार अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और सभी डेटा संरक्षण मानकों के अनुरूप है।

एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एप
जियोफेंस आधारित यह एप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। फोन की समस्या होने पर शिक्षक सहकर्मी के मोबाइल से भी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे ताकि उपस्थिति प्रक्रिया बाधित न हो।

सभी कॉलेज प्रिंसिपलों को आदेश
निदेशालय ने सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिए हैं कि यह स्पष्टीकरण सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षकों तक अनिवार्य रूप से पहुंचाया जाए और सरकारी निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।

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