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मुख्यमंत्री ने चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आईपीडी सेवाओं का शुभारंभ किया, रोबोटिक सर्जरी सुविधा वाला बनेगा पहला अस्पताल

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शिमला

337 बिस्तरों वाला अटल मेडिकल संस्थान अब देगा अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों की भी ली समीक्षा

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला के समीप चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी में इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) सेवाओं का विधिवत शुभारंभ किया। यह अस्पताल अब हिमाचल का पहला संस्थान होगा जहां रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

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आईजीएमसी से छह विभाग शिफ्ट, जल्द शिफ्ट होंगी कार्डियक सेवाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि आईजीएमसी में बढ़ते मरीजों के दबाव को देखते हुए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी विभागों को चमियाना अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। अगले दो माह में कार्डियोलॉजी और सीटीवीएस (कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी) विभाग भी यहीं संचालित होंगे।

मुख्यमंत्री ने दिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ करने के निर्देश

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल पहुंच मार्ग के सुधार और परिवहन सुविधा के विस्तार पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल का निर्माण काफी समय से लंबित था, जिसे मौजूदा सरकार ने पूरा किया। इसके लिए 23 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है।

337 बिस्तरों की क्षमता, अत्याधुनिक कैथ लैब और ओटी से लैस

चमियाना अस्पताल में 337 बिस्तरों के साथ-साथ उच्च स्तरीय ऑपरेशन थियेटर और कैथ लैब जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगले छह महीनों में यह अस्पताल पूर्ण रूप से कार्यशील हो जाएगा।

रोबोटिक सर्जरी के साथ टांडा, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में भी होंगे अत्याधुनिक उपकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में भी भविष्य में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त टांडा, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में 3 टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। आईजीएमसी शिमला में पुरानी एमआरआई मशीन को भी बदला जाएगा।

राज्य सरकार स्वास्थ्य ढांचे के आधुनिकीकरण पर खर्च कर रही है 200 करोड़

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों पर 200 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

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