मूसलाधार बारिश के बीच प्रशासन दे रहा राहत, रेस्क्यू अभियान लगातार जारी
हिमाचल नाऊ न्यूज़ मंडी:
बीती रात से मंडी शहर में जारी मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर विनाशकारी रूप ले लिया है, जिससे पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने ऐसा कहर बरपाया कि लोगों को अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
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मंडी के व्यस्त जेल रोड इलाके में स्थिति सबसे भयावह रही, जहाँ अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मलबे में फंसी गाड़ियों के बीच से एक महिला का शव बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया।हालात इतने गंभीर थे कि कई लोग अपने घरों में फंस गए।
बचाव दलों को खिड़कियों और दीवारों को तोड़कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), पुलिस और स्थानीय प्रशासन युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं।
मौके पर भारी संख्या में बचावकर्मी तैनात हैं और हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोई और अनहोनी न हो।मृतकों की पहचान और विपक्ष नेता का दौराजिला उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि फ्लैश फ्लड की चपेट में आए तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
मृतकों की पहचान बलवीर सिंह पुत्र किशन सिंह, सपना पत्नी दर्शन सिंह और अमनदीप सिंह पुत्र दर्शन सिंह के रूप में हुई है, जबकि दर्शन सिंह पुत्र किशन सिंह घायल हैं। उपायुक्त ने आश्वस्त किया है कि मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता मुहैया करवाई जा रही है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने मंगलवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने घटनास्थल पर मौजूद लोगों से बातचीत कर उनका दुख साझा किया।

इस दौरान उनके साथ मंडी सदर से विधायक अनिल शर्मा और डीसी मंडी भी मौजूद थे।मीडिया से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, “पिछली रात से मंडी में मूसलाधार बारिश हो रही है। अब तक हमें तीन शव मिलने की जानकारी मिली है और एक व्यक्ति लापता है।
यह इलाका पहले कभी ऐसी तबाही का गवाह नहीं बना। यह वाकई चिंता का विषय है।” उन्होंने प्रदेशवासियों से सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की। साथ ही सरकार से आग्रह किया कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत और सहायता प्रदान की जाए।
प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान और जारी राहत कार्यजेल रोड, अस्पताल रोड, सैण मोहल्ला और आसपास के कई रिहायशी इलाके इस अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
स्कोडी नाले के किनारे बने कई घरों में मलबा घुस गया है, जिससे इन मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई घरों को अब असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। प्रशासन बचाव और पुनर्वास कार्यों में पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है, ताकि प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
यह प्राकृतिक आपदा एक बार फिर हिमाचल की पहाड़ी घाटियों में भारी बारिश के विनाशकारी प्रभावों को उजागर करती है, जहाँ जान-माल का नुकसान एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।
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