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बिना परमिट नाग छतरी ले जाने पर दोषी को तीन साल का कारावास

SAPNA THAKUR | 16 अक्तूबर 2022 at 10:38 am

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HNN/ किन्नौर

चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट धीरू ठाकुर की अदालत ने नाग छतरी के साथ पकड़े गए आरोपी को दोषी करार दिया है। इस दौरान अदालत ने दोषी को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दस लाख रूपए का जुर्माना अदा करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अगर आरोपी किसी सूरत में जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसे अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। किन्नौर के सहायक जिला न्यायवादी प्रवीना ठाकुर ने बताया कि भावानागर पुलिस थाना की टीम ने नाकाबंदी कर रखी थी और इस दौरान एक गाड़ी को जांच के लिए रुकवाया गया।

इस दौरान गाड़ी चालक पुलिस को सामने देखकर घबरा गया और मौके से भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस को जब चालक की गतिविधियों पर संदेह हुआ तो उसे चौरा में पकड़ा और तलाशी ली। इस दौरान चार बोरी में छिपाकर रखी 60,500 किलोग्राम नाग छतरी बरामद हुई जोकि बिना परमिट और लाइसेंस के थी। लिहाज़ा टीम ने कुंदन सिंह मोही निवासी रामपुर के खिलाफ मामला दर्ज किया और चालान कोर्ट में पेश किया।

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यहाँ चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट धीरू ठाकुर की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 379 के तहत तीन साल की सजा और दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने इसमें एक साल के कठोर कारावास और दो साल के साधारण कारावास के साथ धारा 46/65 के तहत तीन महीने के साधारण कारावास होगा। 11/20 ऑफ रूल 1978 ऑफ रूल अंडर सेक्शन 41/42 फारेस्ट एक्ट 1927 के तहत छह महीने की सजा और 5,000 जुर्माना किया है। इसके आंतरिक 46/65 आईपीसी के तहत सात दिन का साधारण कारावास भी होगा।

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