HNN/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में 2 माह से ज्यादा का समय बीत चुका है परंतु बारिश नहीं हुई है जिसके चलते किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। आलम यह है कि फसलें सूखने के कगार पर खड़ी है तथा किसानों सहित बागवानों की स्टोन फ्रूट सहित लहसुन, सेब, गेहूं, मटर, टमाटर सहित अन्य फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
सूखे से कृषि क्षेत्र 60 फीसदी तक प्रभावित हुआ है। बारिश ना होने के कारण खेतों से नमी गायब हो चुकी है जिसके चलते फसलें मुरझा गई है। इतना ही नहीं पेयजल स्रोत भी सूखने लग पड़े हैं जिससे राज्य में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कई लोगों के घरों में नल में जल नहीं आ रहा है जिसके चलते उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है।
लम्बे समय से बारिश न होने के चलते अब तक प्रदेश की 550 पेयजल योजनाओं का जल स्तर गिर चुका है। अगर आगामी दिनों में भी यही हाल रहा तो किसानों-बागवानों सहित लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।