HNN/ चंबा
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों की पहाड़ियों में पारा लुढ़कते ही पानी जमना शुरू हो गया है। ऐसे में 5000 से 6000 फीट की ऊंचाई में रहने वाले वन्य प्राणी अब निचले इलाकों का रुख करने लगे हैं। बता दें कि जिला चम्बा के पांगी में भारी बर्फबारी हुई है जिससे तापमान लगातार लुढ़कता जा रहा है। तापमान में लगातार आ रही गिरावट के चलते पांगी के पुंटो, फिण्डपार मिन्धल, कुलाल, बम्बल के जंगलों में रहने वाले हिमालयन थार अब निचले इलाकों का रुख करने लगे है।
ऊंचाई पर पाए जाने वाले ये जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए निचले क्षेत्रों के नदी-नालों का रुख कर रहे हैं। माइनस तापमान के बीच ठंड में इन प्राणियों को पानी नहीं मिल रहा है, लिहाजा यह जीव निचले इलाकों में आ रहे हैं। हिमालयन थार और आइवैक्स अप्रैल में गर्मी शुरू होते ही ऊंचाई वाले स्थानों (धारों) की ओर जाना शुरू करते हैं जबकि नवंबर में बर्फबारी होने के साथ समुद्र किनारे के लिए आना शुरू कर देते हैं। तो वही इन प्राणियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग भी मुस्तैद है।
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बेजुबान प्राणियों के शिकार पर प्रतिबंध के बावजूद भी कुछ लोग इन्हें मौत के घाट उतारने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे में वन विभाग भी आए दिन जंगलों का निरीक्षण करते हैं। बता दें कि चंबा जिला के पांगी वन मंडल में आइवैक्स (तरंगोड़), हिमालयन थार (करथ), पिज, कस्तूरी मृग, काला भालू (ब्लैक बियर), भूरा भालू, लोमड़ी, स्नो लैपर्ड (बर्फानी चीता), बंदर, चिंपांजी समेत अनेक वन्य जीव पाए जाते हैं।
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