मुख्यमंत्री के आगे खुली गुटबाजी की पोल, पांवटा में भाजपा हाशिए पर
HNN / पांवटा साहिब
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का पांवटा साहिब दौरा तथा आज पेश हुआ केंद्र का बजट दोनों ने पांवटा साहब तथा सिरमौर के किसानों, मजदूरों और व्यापारियों को निराश किया है। जयराम ठाकुर का दौरा कुछ ऐसा लगा कि पांवटा साहब ना होकर शिलाई पर केंद्रित रहा तथा पांवटा साहब के लिए एक रुपए की घोषणा उन्होंने नहीं की। 2022 की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के लिए अनेक सौगातें दी, लेकिन किसानों और मजदूरों के लिए घोषणा, एक नए रुपए का लाभ इन वर्ग को नहीं दिया।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
इतना ही नही व्यापारियों पर भी डेढ़ सौ से अधिक नई आइटम कृषि उपज मंडी समिति की लिस्ट में लाकर उन पर भी एक नया जजिया कर सरकार ने लगा दिया है। अब छोटे से छोटे व्यापारी को भी एक परमानेंट सीए रखना होगा, जो किसी के भी बूते की बात नहीं है। पांवटा साहिब की बहु प्रतीक्षित मांगे जैसे रेल लाइन, होला मोहल्ला को राज्य स्तरीय दर्जा, नघेता में आईटीआई, डंडा आज के लिए डाकपत्थर से रोपवे, गिरी पार में नई तहसील, किसानों के लिए समय अनुसार बड़ी अनाज मंडी, यमुना रिवर फ्रंट को विकसित कर नए पार्क बनाना, गुरु गोविंद सिंह टूरिस्ट सर्किट जैसे अनेक मुद्दों पर मुख्यमंत्री कोई बड़ी घोषणा करके पांवटा साहब के विकास को गति दे सकते थे।
अब इसको भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी खींचतान कहें या कुछ और लेकिन पांवटा वासी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री खाली झोली लेकर आए और उत्तराखंड को निकल लिए। पहले मुख्यमंत्री के दौरों से कम से कम क्षेत्र की सड़कें ठीक हो जाती थी इस बार तो वह भी नहीं हुआ। एक तरफ जहां निर्मला सीतारमण ने पूरे प्रदेश को निराश किया है वही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पांवटा साहब की जनता का बहुत बड़ा अनादर पांवटा साहब की ही पवित्र धरती पर आकर किया है। मुख्यमंत्री को अगर नाहन तथा शिलाई के विकास की इतनी ही चिंता है तो वह पांवटा साहब से अब कोई उम्मीद भी ना रखें।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group